वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे सिन्हा और शौरी ने कहा, राफेल डील में बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला
पूर्व मंत्री सिन्हा और शौरी ने कहा, राफेल डील में बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला हुआ
नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे यशवन्त सिन्हा और अरुण शौरी ने कहा है कि राफेल डील में बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। दोनों नेताओं ने कहा है कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला और इस मामले की जांच होनी चाहिए। बुधवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में यशवन्त सिन्हा, अरुण शौरी और जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये मामला उठाया। इन्होंने कहा कि इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि राफेल डील में बड़ा घपला हुआ है, ऐसे मे इसकी जांच बहुत जरूरी है।
ये बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला
प्रशांत भूषण ने कहा कि इस सौदे से देश को 35000 करोड़ दी चपत लगाई है। सौदे में विमान की तादाद घटाकर 126 से 36 की गई लेकिन रक्षा मंत्री या वायुसेना के किसी अधिकारी को इसका पता तक नहीं था। भूषण ने कहा कि डील के बारे में ना बताने के लिए सीक्रेसी क्लाउज एक बहाना है और ये ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट की गाइडलाइन भी इसी सरकार की बनाई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि विदेश सचिव ने समझौते से दो दिन पहले कहा था कि पुरानी डील को ही आगे बढ़ाएंगे लेकिन वहां जाकर नई डील कर ली गई। फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे में सरकार तथ्यों को छिपा रही है। इसकी जांच कैग तीन माह के भीतर करे। फ्रांस के साथ राफेल डील को उन्होंने बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला बताया गया है।
अनिल अंबानी ने चिट्ठी लिख मामले को दबाने को कहा
शौरी ने कहा कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान राफेल विमान की खरीद की जो डील की गई वह बिल्कुल नई डील थी जबकि नई डील के लिए नए सिरे से टेंडर होना चाहिए था। डील के साझा घोषणापत्र में नए हथियार लगाए जाने का जिक्र नहीं था। इस डील का कॉन्ट्रेक्ट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास था, जिससे ये कॉन्ट्रेक्ट लेकर अनिल अंबानी की दस दिन पहले बनी कंपनी को दे दिया गया जिसे ऐसे मामलों को कोई अनुभव नहीं था। अरुण शौरी ने यहां कहा कि उन्हें कल रात में ही उन्हें अनिल अंबानी की चिट्ठी मिली है, जिसमें उन्होंने राफेल डील के मामले को ना उठाने के लिए उनसे कहा।
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रक्षामंत्री ने कहा, आरोप बेबुनियाद
रक्षामंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा है कि संसद में भी सरकार इन आरोपों का जवाब दे चुकी है और वहां भी आरोप लगाने वाले टिक नहीं पाए थे। सीतारमण ने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं और इनका कोई मतलब नहीं है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि राफेल डील में घोटाले के आरोपों का कोई आधार नहीं है। तोड़मरोड़ के पेश किए गए तथ्यों में कोई भी सच्चाई नहीं है। निराधार आरोपों को साबित करने के लिए गोल-मोल दस्तावेज पेश किए गए। यह झूठा दुष्प्रचार वह ताकतें कर रही हैं जो अपनी उपयोगिता साबित करने के लिए उतावली हैं।
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