वित्त मंत्री ने नोटबंदी के गिनाए फायदे, बताया कैसे मजबूत हुई अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर आरबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। विरोधी पार्टियां मोदी सरकार से जवाब मांग रही है कि कहा गया काला धन जिसके लिए नोटबंदी लागू की गई थी। इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉक के जरिए नोटबंदी के फायदे गिनाए हैं। अपने ब्लॉग में जेटली ने कहा है कि नोटबंदी का मतबल बाहर मौजूद करंसी को अमान्य करना ही एकमात्र लक्ष्य नहीं था। नोटबंदी का एक बड़ा उद्देश्य भारत को 'गैर कर अनुपालन' समाज से कर अनुपालन में बदलना था।
जेटली ने कहा कि जब कैश बैंक में जमा किया जाता है तो इसके स्वामित्व की गुमनामी खत्म हो जाती है। ऐसे में जमा कैश के मालिकों की पहचना की गई। नोटबंदी के बाद 1.8 मिलियन जमाकर्ताओं की पहचान की गई जिनकी जांच की जा रही है। क्योंकि बैंक को ये पता नहीं होता है कि उसके यहां जमा राशि टैक्स पेड मनी है। इसके साथ-साथ अरुण जेटली ने कहा ही कि नोटबंदी के बाद देश में आईटी रिटर्न भरने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई।
मार्च 2014 में भारत में कर दाताओं की संख्या 3.8 करोड़ थी, जबकि साल 2017-18 में यह आंकड़ा 6.68 करोड़ पहुंच गया है। यह हमारी बढ़ती अर्धव्यवस्था का साक्षी है। बता दें कि आरबीआई ने बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हुए नोटों में से 99.3 प्रतिशत बैंकों में वापस लौट आए हैं।
टैक्स कलेक्शन में बृद्धि
इसके साथ-साथ जेटली ने कहा है कि नोटबंदी के बाद देश में नए आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले दो सालों में 85.51 लाख और 1.07 करोड़ नए आयकर रिटर्न फाइल किए गए हैं। इसके साथ-साथ टैक्स कलेक्शन की बात करें तो साल 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ था जबकि साल 2017-18 में आंकड़ा 10.20 लाख करोड़ पहुंच गया है।
यह भी पढ़ें- अगले साल ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: अरुण जेटली