प्रियंका गांधी को लेकर अरुण जेटली का तंज, बोले- बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वाराणसी से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर दुख जाहिर किया है। दरअसल कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन गुरुवार को पीएम मोदी के रोड शो से पहले एक बार फिर से कांग्रेस ने अजय राय को टिकट देकर पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतार दिया। कांग्रेस के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए जेटली ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी से बहुत ज्यादा दुखी हूं, जिस तरह से पार्टी ने प्रियंका गांधी को वाराणसी से उम्मीदवार नहीं बनाया वह दुखद है। उन्होंने ट्ववीट करके लिखा कि बंद मुट्ठी लाख की, खुल गयी तो ख़ाक की।
अजय राय बने कांग्रेस के उम्मीदवार
जेटली ने एक ब्लॉग के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा वायनाड में शरणार्थी, वाराणसी से भागा एक शरणार्थी, कहानी एक वंशवाद परिवार की। उन्होंने इसमे लिखा कि पिछले दो महीनों से प्रियंका गांधी लोगों के बीच हैं। भारत में अब स्थिति बदल गई है, वंशवाद के मायने खत्म हो गए हैं, प्रियंका गांधी की हवा की पोल खुल गई है। सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी को वाराणसी से मैदान में नहीं उतारने का फैसला खुद उनके भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का है।
राहुल-सोनिया खिलाफ
दरअसल फरवरी माह से जबसे प्रियंका गांधी पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में आई हैं उसके बाद से इस तरह का संदेश देने की कोशिश हो रही थी पार्टी की ओर से कि प्रियंका गांधी इस बार चुनाव भी लड़ सकती हैं। पिछले एक हफ्ते की बात करें तो माना जा रहा था कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी को वाराणसी में चुनौती दे सकती हैं, लेकिन राहुल गांधी ने अंतिम समय में यह फैसला बदल दिया।
पार्टी के नेताओं का था मत
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना था कि अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो यह बहुत बड़ा मुकाबला बन जाएगा और इसका देशभर में असर पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके पक्ष में नहीं थे कि अपने पहले ही चुनाव में प्रियंका पीएम मोदी को चुनौती दें। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि मैं इसका पूरा विश्वास है कि वाराणसी के लोग पहले से टेस्ट किए गए, सफल नेता को मौका देंगे बजाए वंशवाद की राजनीति के।
The myths of Priyanka Gandhi stands demolished. India’s conventional wisdom has been ‘बंद मुट्ठी लाख की, खुल गयी तो ख़ाक की’. The Myth of ‘Priyanka will make a difference’ was worth a lakh. Today, the myth has lost its value.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 25, 2019
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