अरुण जेटली ने राहुल गांधी की 12000 न्यूनतम महीने वाली स्कीम को बताया धोखा, बोले- देश को गुमराह कर रहे हैं
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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेता और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को राहुल गांधी की न्यूनतम आय स्कीम की घोषणा को धोखा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर किए गए खर्च से लोगों को सालाना 1,06,800 रुपये का फायदा मिल रहा है। इसके ऊपर कांग्रेस लोगों को 72,000 रुपये देने का वादा कर रही है।
राहुल गांधी की स्कीम धोखा
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और खाद्य, उर्वरक, किसानों और आयुष्मान भारत के तहत दी जाने वाली सब्सिडी के लिए साल में 5.34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जेटली ने एक ब्लॉग में कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी की घोषणा को सरल अंकगणित से देखा जाय तो ये पांच करोड़ परिवारों को Rs.72,000 देने में 3.6 लाख करोड़ लगेगा, जो हमारे खर्च से दो तिहाई कम है।
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इंदिरा जी ने 'गरीबी हटाओ' के नारे पर चुनाव जीता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इंदिरा जी ने 1971 में 'गरीबी हटाओ' के नारे के नाम पर चुनाव जीता, लेकिन उन्होंने गरीबी हटाने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए। वह उत्पादकता में बढ़ाने में विश्वास नहीं करती थी, वह धन की पीढ़ी में विश्वास नहीं करती थी, वह केवल गरीबी के निवारण में विश्वास करती थी। उन्होंने आगे कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में विवाद ही चलते रहे इसलिए कोई काम नहीं सका। वहीं 10 वर्ष के यूपीए के कार्यकाल में छल कपट और धोखा होता रहा।
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कांग्रेस ने लोगों को गुमराह किया
अरुण जेटली ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपने 50 साल से गरीबी के मुद्दे पर देश को गुमराह किया है। गरीबी हटाओ नारा देने के बाद भी अगर आज आप सोचते हैं कि 20% लोगों के पास 12,000 रुपये की मासिक आय भी नहीं है, तो देश के गरीबों को निराश करने के लिए आप जिम्मेदार है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेस कर अब तक की सबसे बड़ी न्यूनतम आय का वादा किया है. जिसके तहत उनकी सरकार बनने पर देश के करीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को हर महीने 6000 रुपये दिए जाएंगे।