एफआरडीआई बिल से जमाकर्ताओं के हितों पर आंच नहीं: अरुण जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट बिल (एफआरडीआई) को लेकर कहा है कि बैंकों के जमाकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। जमाकर्ताओं के सभी अधिकार न सिर्फ सुरक्षित रहेंगे, बल्कि उन अधिकारों को और मजबूत किया जाएगा। जेटली ने इसको लेकर चल रही खबरों को सिर्फ अफवाह कहा। उन्होंने मुख्य धारा की मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर चल रही तमाम खबरों और आशंकाओं को निराधार करार देते हुए कहा कि इस तरह की सभी बातें अफवाह हैं।
जेटली ने इसको लेकर ट्वीट किया, 'वित्तीय निपटान एंव जमा बीमा विधेयक, 2017 (एफआरडीआई) विधेयक स्थायी समिति के समक्ष लंबित है। सरकार का उद्देश्य वित्तीय संस्थानों और जमाकर्ताओं के हितों का पूर्ण संरक्षण करना है.' जेटली के ट्वीट के बाद इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी एस सी गर्ग ने कहा है कि एफआरडीआई बिल में किसी तरह की ऐसी कोई तब्दीली नहीं की जा रही है, जिससे बैंकों में जमा लोगों के पैसों पर किसी तरह की आंच आए. उन्होंने साफ कहा कि पीएसयू बैंकों में जमा लोगों के पैसे की गारंटी सरकार देती है, इसलिए उसकी सुरक्षा में कोई कमी नहीं आ सकती है।
इस तरह की खबरें मीडिया और सोशल मीडिया पर आई थीं कि इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं कि अगर कोई बैंक डूबने की कगार पर है तो उसमें जमा लोगों के पैसे वापस नहीं दिए जाएंगे। इस प्रावधान की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बड़ी संख्या में लोगों ने चिंता जतानी शुरू कर दी थी।
एफआरडीआई
बिल
फाइनेंशियल
रेजोल्यूशन
एंड
डिपॉजिट
इंश्योरेंस
बिल
(एफआरडीआई
बिल)
वित्तीय
संस्थानों
के
दिवालिया
होने
की
स्थिति
से
निपटने
के
लिए
बनाया
गया
है।
किसी
भी
बैंक
या
इंश्योरेंस
कंपनी
के
दिवालिया
होने
की
स्थिति
में
उसे
इस
संकट
से
निकालने
के
लिए
यह
कानून
लाया
जा
रहा
है।जब
भी
कोई
बैंक
अपना
कारोबार
करने
में
सक्षम
नहीं
होगा
और
वह
अपने
पास
जमा
आम
लोगों
के
पैसे
लौटा
नहीं
पाएगा,
तो
उस
बैंक
को
इस
संकट
से
उबारनें
में
एफआरडीआई
बिल
मदद
करेगा।
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