कांग्रेस अध्यक्ष को SC से नोटिस, अरुण जेटली बोले- कोर्ट के आदेश को गढ़ना राहुल गांधी का नया स्तर है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवमानना का नोटिस जारी किए जाने के बाद अब यह मामला राजनीतिक रूप ले लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा है कि भारत का लोकतंत्र न्यायिक आदेशों को फिर से फिर से लिखने की अनुमति नहीं देता है। वित्त मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राजनीतिक प्रचार के लिए अपनी तरह से लिखने की कोशिश की।
वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की यह राजनीति में नई गिरावट है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की राजनीति में राइट टू स्पीच में झूठ बोलने का अधिकार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सत्य हमेशा रहता और झूठ खत्म हो जाता है, यह राहुल के लिए सीख है।
To manufacture a Court order for a political propaganda is a new low for Rahul Gandhi. The lower he sinks, the higher we rise.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 15, 2019
उधर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में एक टेक्निकल ऑब्जेक्शन पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला सुनाया और राहुल गांधी कहने लगे कि राफेल मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार की फटकार लगाई है। जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है वो कोर्ट आकर स्पष्ट करें कि उन्होंने क्या कहा।
सुप्रीम कोर्ट में एक टेक्निकल ऑब्जेक्शन पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला सुनाया और राहुल बाबा कहने लगे कि राफेल मामले पर SC ने सरकार को फटकार लगाई।
जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और आज SC ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है कि वो कोर्ट आकर स्पष्ट करें कि उन्होंने क्या कहाः श्री @AmitShah pic.twitter.com/OSEhK8zdH1
— BJP (@BJP4India) April 15, 2019
दरअसल आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नए दस्तावेजों के आधार पर राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका स्वीकार किए जाने को 'चौकीदार चोर है' के रूप में पेश करने की वजह से राहुल को नोटिस जारी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है। बता दें कि इस संबंध बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका दायर की है।
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