अरुण जेटली की पत्नी ने राज्यसभा कर्मचारियों को दिया पति की यादों से जुड़ा 'अनमोल' तोहफा
नई दिल्ली- राज्यसभा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के नाम पर राज्यसभा के ग्रुप सी कर्मचारियों के लिए एक वेलफेयर स्कीम लॉन्च की है। सबसे खास बात ये है कि इस स्कीम के लिए सारा पैसा भी जेटली की पत्नी संगीता जेटली ने ही दिया है। उन्होंने पिछले साल अपने पति के निधन के फौरन बाद ही राज्यसभा सभापति से ग्रुप सी कर्मचारियों के लिए एक कल्याणकारी योजना शुरू करने की मांग की थी। गौरतलब है कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में जेटली पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगियों में से एक थे। लंबी बीमारी के बाद उनका पिछले साल अगस्त में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था।
जेटली के नाम पर कर्मचारियों के लिए स्कीम
राज्यसभा सचिवालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे अरुण जेटली के नाम पर राज्यसभा कर्मचारियों के लिए एक वेलफेयर स्कीम शुरू करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि अरुण जेटली लंबे वक्त तक राज्यसभा के सांसद थे। दरअसल, पिछले साल अगस्त में उनके निधन के बाद उनकी पत्नी संगीता जेटली ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से गुजारिश की थी कि वो उनको मिलने वाला फैमिली पेंशन राज्यसभा के कम-वेतन वाले कर्मचारियों को दान देना चाहती हैं। उन्हीं के निवेदन के अनुसार राज्यसभा के महासचिव की मंजूरी से राज्यसभा सचिवालय ने इस योजना की अब शुरुआत कर दी है। इसके मुताबिक अब उस पेंशन का इस्तेमाल राज्यसभा सचिवालय के निम्न आय वर्ग के कर्मचारियों के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
राज्यसभा के इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
पूर्व केंद्रीय मंत्री के नाम पर शुरू की गई इस कल्याणकारी योजना का नाम 'अरुण जेटली फाइनेंशियल एसिस्टेंस फॉर ग्रुप सी एम्पलॉइज' रखा गया है। यह योजना इसी साल से प्रभावी हो रही है। इस योजना के तहत ग्रुप सी के कर्मचारियों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए तीन तरह की स्कॉलरशिप दी जाएगी। टेक्निकल और प्रोफेशन एजुकेशन के लिए यह स्कॉलरशिप इंजीनियरिंग, मेडिकल और एमसीए-एमबीए और एलएलबी की पढ़ाई के लिए मिलेगी। इसके अलावा मौत और मेडिकल इमरजेंसी जैसी घटनाओं के दौरान भी इससे कर्मचारियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
करीब 3 लाख रुपये साला पेंशन की हकदार हैं संगीता जेटली
अरुण जेटली जितने वक्त तक राज्यसभा के सांसद रहे उसके हिसाब से उनकी पत्नी संगीता जेटली सालाना 3 लाख रुपये से ज्यादा की फैमिली पेंशन लेने की हकदार हैं। अब राज्यसभा सचिवालय ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने अपने पति के निधन के बाद से अब तक की फैमिली पेंशन की सारी रकम सचिवालय को ट्रांसफर कर दिया है। राज्यसभा के सदस्यों या उनके जीवनसाथियों के द्वारा सारा पेंशन कर्मचारियों के कल्याण के लिए दान में दे देने का यह बहुत ही दुर्लभ उदाहरण लगता है। सबसे बड़ी बात तो संगीता जेटली ने उस खत में लिखी थी, जिसमें उन्होंने इसके लिए सभापति से बहुत ही भावनात्मक अपील की थी।
वेंकैया से की थी भावुक अपील
इस संबंध में जेटली की पत्नी ने वेंकैया नायडू को एक खत लिखा था, जिसके शब्द कुछ इस तरह के थे- 'दिवंगत सांसद के जीवनसाथी के लिए पेंशन के प्रस्ताव से जुड़ी महान भावना को कम करने का इरादा किए बिना, जिसके लिए अरुण खुद वकालत करते थे, मैं विनम्रतापूर्वक माननीय संसद से अनुरोध करना चाहूंगी कि इस पेंशन राशि को उस संस्था के सबसे जरूरतमंद वर्ग ग्रुप सी के कर्मचारियों को दिया जाए, जिसकी अरुण ने लगभग दो दशकों तक सेवा की।'
पिछले साल हुआ था जेटली का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री जेटली की पिछले साल 24 अगस्त को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 66 साल की आयु में मल्टीपल ऑर्गेन फेलुअर की वजह से निधन हो गया था। वह 9 अगस्त से ही एम्स में भर्ती थे। जेटली केंद्रीय राजनीति में बीजेपी के बहुत कद्दावर चेहरा थे और नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में उन्होंने वित्त,रक्षा और कॉर्पोरेट अफेयर्स जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारियां संभाली थीं। इससे प्रधानमंत्री मोदी का उनके प्रति भरोसा जाहिर होता है। प्रधानमंत्री ने दूसरे कार्यकाल में भी उनसे सहयोग मांगा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ कारणों से खुद ही मंत्री बनने से मना कर दिया था।