अरुण जेटली ने सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े करने वालों अर्थशास्त्रियों को दिया जवाब, उल्टी बातें करना इनकी फितरत
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को 108 अर्थशास्त्रियों को निशाने पर लिया। इन लोगों ने पिछले हफ्ते सरकारी आंकड़ो की विश्वसनियता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि इनमें से 70 फीसदी तथाकथित अर्थशास्त्री आदतन विरोध करने वाले हैं। उन्होंने पहले भी यह शब्द मोदी सरकार के विरोधियों की खिंचाई करने के लिए इस्तेमाल किया था। उन्होंने ऐसा दावा करने वालों पर राजनीति करने आरोप लगाया।
'कई मोर्चों पर अर्थव्यवस्था आगे जा रही है'
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करके कहा कि ऐसे समय में जब कई मोर्चों पर अर्थव्यवस्था आगे जा रही है, ऐसे में कैसे कोई व्यक्ति यह तर्क दे सकता है कि नौकरियों पैदा नहीं की जा रही हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ दिनों पहले 108 तथाकथित अर्थशास्त्रियों ने आधिकारिक आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े किए थे।'
'अर्थशास्त्री सरकार के आलोचक'
वित्त मंत्री ने अरुण जेटली ने आगे कहा कि ये अर्थशास्त्री सरकार के आलोचक रहे हैं और इन्होंने पिछले पांच वर्षों में सरकार के खिलाफ कई ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से अधिकतर ज्ञापन राजनीतिक से संबधित थे ना कि अर्थव्यवस्था से संबंधित। उन पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि 'इसके उलट आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने हमारे आंकड़े को स्वीकृति दी है। इन अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार का सृजन नहीं हुआ है जो कि एक भ्रम है।
सरकार की उपलब्धियां गिनाई
जेटली ने कहा कि हमारी सरकार में बुनियादी ग्रोथ सबसे अधिक रही है। सरकार हर साल 10,000 किलोमीटर हाईवे बना रही है। प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाई जा रही है।, सरकार ने हर घर में शौचालय बनवाए हैं और मकानों का निर्माण हुआ है। मेट्रो, फ्लाईओवरों, सड़कों के निर्माण के मामले में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करते हुए शहरी बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है।ऐसे में एक झूठा अभियान चलाया जा रहा है कि इस बढोतरी से नौकरियां पैदा नहीं होती हैं। मैं समझता हूं कि सत्य से दूर कुछ भी नहीं हो सकता है। पिछले गुरुवार को 108 अर्थशास्त्रियों और समाज विज्ञानियों के एक समूह ने विभिन्न विचाराधाराओं से संबंधित अपने साथियों से सरकार पर दबाव बनाने की अपील की थी। ऐसा करते वक्त यह विचार छोडऩे के लिए कहा था कि कौन सी पार्टी सत्ता में हैं।
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