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अरुण जेटली ने वन नेशन-वन टैक्स यानी GST को लागू करने में निभाई थी प्रभावी भूमिका

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Indian economy के लिए Arun Jaitley के पांच बड़े decisions। वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वो 67 साल के थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। अरुण जेटली की पहचान एक विद्वान, कानूनी जानकार और अनुभवी राजनीतिक नेता की रही है। अरुण जेटली ही थे जिन्होंने वन नेशन-वन टैक्स यानी GST को लागू करने में प्रभावी भूमिका निभाई थी। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST)को अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा सकता है। हालांकि इसके लिए जिस तरह से अरुण जेटली ने रणनीति तैयार की, ये बेहद अहम था। खास तौर से राज्यों को इसके लिए मनाना टेढ़ी खीर माना जा रहा था लेकिन उन्हें मनाने का पूरा श्रेय अरुण जेटली को ही जाता है।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संभाला वित्त मंत्रालय

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संभाला वित्त मंत्रालय

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अरुण जेटली ने छात्र राजनीति से सियासत में कदम रखा। उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से लेकर देश के वित्त मंत्री तक की जिम्मेदारी संभाली। यूपीए शासन के दौरान राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष उन्होंने सत्ता पक्ष को अपने दमदार और जबरदस्त भाषणों से अक्सर बैकफुट पर जाने को मजबूर किया। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान अरुण जेटली ने कई मौकों पर सरकार के लिए संकटमोचक के तौर पर नजर आए। खास तौर से आर्थिक क्षेत्र में जेटली ने कई अहम फैसले लिए जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

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कई मौकों पर मोदी सरकार के संकटमोचक रहे जेटली

कई मौकों पर मोदी सरकार के संकटमोचक रहे जेटली

अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहने के दौरान मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी की घोषणा की। कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए पीएम मोदी ने खुद 500-1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने का बड़ा ऐलान किया। इन्हीं के कार्यकाल में जीएसटी भी लागू किया गया। माना जाता है कि वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों में अहम भूमिका निभाई। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) यानी गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स को अबतक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा सकता है। इसे लागू कराने में जेटली की भूमिका बेहद अहम रही।

वित्त मंत्री रहते हुए पहले नोटबंदी फिर जीएसटी का फैसला

वित्त मंत्री रहते हुए पहले नोटबंदी फिर जीएसटी का फैसला

वन नेशन-वन टैक्स यानी GST के लिए राज्यों को मनाना निश्चित तौर पर टेढ़ी खीर थी। हालांकि उन्हें मनाने का श्रेय जेटली की प्लानिंग को ही जाता है। जुलाई 2017 में जब GST को लागू किया गया तो शुरू में इसमें कई समस्याएं आईं हैं। कई जगह पर व्यापारियों ने इस कदम का विरोध किया। बावजूद इसके तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली ने धैर्य के साथ काम लिया और जीएसटी फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने का काम किया।

अरुण जेटली का निधन, देखिए RARE PIctures

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English summary
Arun Jaitley played an effective role in implementing GST One Nation One Tax
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