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बीमारी के अलावा इस सर्जरी की वजह से भी सुर्खियों में आए थे अरुण जेटली

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नई दिल्‍ली। बीजेपी के सीनियर लीडर, पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। जेटली बीजेपी के फ्रंट लाइन लीडर थे और कई वर्षों से पार्टी के साथ थे। 66 वर्षीय जेटली पिछले चार दशकों से ही राजनीति में सक्रिय थे लेकिन फरवरी में स्‍वास्‍थ्स कारणों से उन्‍होंने खुद को राजनीति से दूर कर लिया था। अपनी बीमारी के चलते जेटली ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था। जेटली सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा नाम बीमारी से ग्रसित थे और यह एक प्रकार का कैंसर होता है। बताते हैं कि इसी वजह से उन्हें बार-बार सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जेटली पहले ही डायबिटीज के मरीज थे।

कुछ साल पहले हुई थी सर्जरी

कुछ साल पहले हुई थी सर्जरी

कुछ वर्षों पहले उन्‍होंने हार्ट सर्जरी कराई तो वहीं मोटापे से छुट्टी पाने के लिए वह बैरिएट्रिक सर्जरी भी करवा चुके थे। इस सर्जरी की वजह से जेटली कई दिनों तक सुर्खियों में भी रहे। बैरियाट्रिक सर्जरी को वजन कम करने के सबसे असरदार तरीकों में गिना जाता है। बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद वजन तेजी से कम होता है। यह सर्जरी तीन तरह की होती है-लैप बैंड, स्लीव गैस्ट्रिकटोमी और गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी। लेप्रोस्कोपिक मैथेड से होने वाली इस सर्जरी के बाद किसी भी इंसान के खाने की क्षमता बहुत कम हो जाती है।

हर हफ्ते कम होता है वजन

हर हफ्ते कम होता है वजन

स्लीव गैस्ट्रिक्टोमी के बाद डेढ़ से दो किलो वजन हर हफ्ते कम होना शुरू हो जाता है। 12-18 महीने में वजन 80 से 85 प्रतिशत तक कम हो जाता है। वहीं, गैस्ट्रिक बाइपास में अमाशय को बांटकर एक शेल्फ, गेंद के आकार का बनाकर छोड़ दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद खाना देर से पचता है तो वहीं भूख बढ़ाने वाला 'ग्रेहलीन' हार्मोन भी बनना बंद हो जाता है। इससे शरीर में जमा फैट एनर्जी के रूप में खर्च होने लगता है। तेजी से वजन कम होने लगता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन को हटा दिया जाता है ताकि व्यक्ति का सामान्य गति से वजन कम हो जाए।

साल भर तक होती है देखभाल की जरूरत

साल भर तक होती है देखभाल की जरूरत

बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद व्यक्ति को कम भूख लगती है जिसकी वजह से एक साल के भीतर उसका 50-60 किलो वजन कम हो सकता है। डॉक्‍टर्स मानते हैं कि वजन कम करने के लिए की जाने वाली सर्जरियां खतरनाक है। हालांकि वजन कम करने के लिए की जाने वाली दूसरी सर्जरी की तुलना में बैरियाट्रिक सर्जरी के खतरे कम होते हैं। इसे करने के लिए लेप्रोस्कोपिक तरीके का प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति को दर्द कम होता है। बावजूद इसके साल भर तक रोगी को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

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English summary
Former union minister Arun Jaitley underwent this surgery for weigh loss.
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