अरुण जेटली को मिला दूसरा बंगला, सरकार ने इस जगह दिया टाइप-8 आवास
नई दिल्ली। अपने स्वास्थ्य की वजहों से मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री नहीं बनने वाले अरुण जेटली को दूसरा सरकारी बंगला मिल गया है। शासन ने अरुण जेटली को 22 अकबर रोड पर बतौर सांसद बंगला आवंटित किया है। क्योंकि अरुण जेटली दो कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित अपना पुराना सरकारी बंगला छोड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि जो बंगला उनको मिला है, वो टाइप 8 बंगला है। बंगला नहीं मिलने की वजह से अरुण जेटली फिलहा कैलाश कॉलोनी में स्थित अपने निजी आवास में रह हैं।
मंत्री बनने से इनकार कर दिया था
लेकिन अब बंगला मिल जाने के बाद वो जल्द ही अकबर रोड शिफ्ट कर जाएंगे। बता देम कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री थी, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मंत्री बनने से मना कर दिया था। दूसरे कार्यकाल में नई मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले यानी 29 मई को पूर्व वित्त मंत्री ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मंत्री नहीं बनाने की बात कही थी।
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कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगले को शुभ नहीं मानते नेता
राज्यसभा सांसद जेटली ने कहा था कि पिछले 18 महीनों से वह स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं और इसलिए भविष्य में किसी जिम्मेदारी से खुद को दूर रखना चाहेंगे। जिसके बाद वो अब केवल राज्य सभा सांसद ही है। जो बंगला उनको मिला है उसमें फिलहाल पूर्व मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह रहते हैं लेकिन अब उनको जल्द ही यह बंगला खाली करना पड़ेगा। क्योंकि शासन के ओर से उन्हें अब टाइप-7 बंगला आवंटित किया जाएगा। कहा जाता है कि जेटली का जो पुराना बंगला 2- कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित है, इस मार्ग के बंगले को कई नेता शुभ नहीं मानते हैं। क्योंकि यहां रहने वाले नवीन पटनायक और एसआर बाला सुब्रहमण्यम दिल्ली में ज्यादा दिन टिक नहीं पाए थे।
टाइप-8 बंगले में मिलती हैं ये सुविधाएं
बता दें कि टाइप-8 बंगले में आठ बेडरूम, चार सर्वेंट क्वार्टर और दो गौराज के अलावा आगे पीछे लॉन होता है। मतलब यह बंगला काफी बड़ा होता है। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जो बंगला अरुण जेटली को आवंटित किया गया है उसका इस्तेमाल वो ऑफिस के तौर पर करेंगे। पेशे से वकील जेटली ने कई मौकों पर सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई है। जेटली लंबे वक्त से बीमार चल रहे हैं। वो डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित हैं। पिछले साल मई में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उन्हें इलाज के लिए बार- बार विदेश जाना होता है। ऐसे में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मंत्री नहीं बनाने की बात कही थी।