अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक, वेंटिलेटर से हटाकर लाइफ सपोर्ट पर रखे गए
दिल्ली के एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। एम्स के सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली को वेंटिलेटर से हटाकर लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। अरुण जेटली को तबीयत बिगड़ने के बाद बीते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह अरुण जेटली का हाल जानने एम्स पहुंचे थे। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती और सतीश मिश्रा भी शनिवार को अरुण जेटली का हाल जानने पहुंचे हैं। खबर है कि वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने भी एम्स पहुंचकर अरुण जेटली की तबीयत के बारे में जानकारी ली है। हालांकि हॉस्पिटल की तरफ से अरुण जेटली को लेकर कोई हेल्थ बुलेटिन अभी जारी नहीं किया गया है।
ईसीएमओ पर रखे गए अरुण जेटली
एम्स के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अरुण जेटली की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें ईसीएमओ (एक्सट्रा कॉरपोरियल मेमब्रेन ऑक्सिजनेशन), जिसे एक्सट्रा कॉरपोरियल लाइफ सपोर्ट भी कहा जाता है, पर रखा गया है। यह सिस्टम उन मरीजों को लंबे समय तक हृदय की गतिविधियों और सांस लेने में सहायता प्रदान करने की एक एक्सट्रा कॉरपोरियल तकनीक है, जिन मरीजों का दिल और फेफड़े जीवन को बनाए रखने के लिए काम करने में असमर्थ होने लगते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी जेटली से मिलने एम्स पहुंचे थे।
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अरुण जेटली को आईसीयू में रखा गया था
पिछले एक सप्ताह से एम्स में भर्ती अरुण जेटली को आईसीयू में रखा गया था। शुक्रवार को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद उनका इलाज कर रहे एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों ने आनन-फानन में दवाओं की डोज बढ़ाने का फैसला लिया। सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली को सांस लेने में परेशानी हो रही है। दरअसल, जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा है, जिसकी वजह से उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। जेटली के फेफड़ों से पानी निकाला जा रहा है लेकिन बार-बार पानी फेफड़ों में जमा हो जा रहा है।
लगातार खराब सेहत से जूझ रहे हैं जेटली
इससे पहले शुक्रवार को एम्स की तरफ से स्टेंटमेंट जारी किया गया था, जिसमें जेटली को हेमोडायनैमिकली स्टेबल बताया गया था। इसका मतलब होता है कि मरीज का ब्लड प्रेशर और पल्स ठीक काम कर रहे हैं। हालांकि इसके बाद से एम्स की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। जेटली पिछले डेढ़-दो साल से लगातार अपनी खराब सेहत से जूझ रहे हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्तमंत्री रहे 67 साल के अरुण जेटली ने लोकसभा चुनाव के बाद अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए एनडीए-2 में मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था। फिलहाल वे राज्यसभा के सांसद हैं। इस साल फरवरी में वे इलाज के लिए देश से बाहर गए थे, उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था।