तो क्या कश्मीर में पिछले 70 वर्षों में बंद हो चुके हैं 50 हजार मंदिर !
बेंगलुरु। केन्द्र सरकार के एक मंत्री द्वारा जम्मू कश्मीर में बंद पड़े मंदिरों की संख्या ने सभी को हैरत में डाल दिया हैं। आलम ये हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अचंभित हैं। यह आकड़ा केद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने दिया हैं। उन्होंने ऐलान किया हैं कि कश्मीर में वर्षों से बंद पड़े 50 हजार मंदिरों को केन्द्र सरकार फिर से खोलने की तैयारी कर रही हैं। कश्मीर के बंद पड़े मंदिरों के प्रति दिया गया 50 हजार का आंकड़ा सभी के लिए हैरानगी प्रकट करने वाला है क्योंकि इसे और कोई नहीं बल्कि भाजपा के कई नेता भी स्वीकार करने को राजी नहीं हैं।
इस आंकड़े के खुलासे के बाद जम्मू-कश्मीर में एक नई चर्चा भी आरंभ हो गयी है। कश्मीर के लोग सकते में हैं कि उनके कश्मीर में इतने मंदिर टूट-फूट और तोड़े जाने के कारण 70 सालों में बंद हो चुके हैं और उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं चला। यह सच है कि कश्मीर में मंदिरों को लेकर शोरगुल हमेशा से रहा है।
कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद बंद हो गए ये प्राचीन मंदिर
बता दें वर्षों पहले जब कश्मीर में बसे हिंदुओं के साथ हिंसक वारदातें हुई तब भारी संख्या में मंदिरों पर हमला करके तोड़फोड़ की गयी। हिंदुओं के जम्मू और कश्मीर से पलायन कर अन्य जगह बसने के बाद यह मंदिर बंद पड़े रहे। आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें से तो कई मंदिर ऐसे हैं जो कश्मीरी पंडितों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और दक्षिण कश्मीर के शोपियां में भगवान विष्णु का मंदिर इसी तरह का एक मंदिर है। इसी तरह से पहलगाम में भगवान शिव का एक बहुत पुराना मंदिर है और यह मंदिर भी बंद पड़ा हुआ है।
तो क्या प्रत्येक चार परिवार के पास एक मंदिर था?
अगर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के आंकड़े पर विश्वास करें तो 1990 में कश्मीर से पलायन करने वाले 2 से अढ़ाई लाख कश्मीरी पंडित परिवारों में से प्रत्येक चार परिवार के पास एक मंदिर होना चाहिए तभी कहीं जाकर कश्मीर में मंदिरों के होने का आंकड़ा 50 हजार को पार कर सकता है। यह जरूर माना जा सकता है कि पूरे जम्मू कश्मीर में 50 हजार मंदिर हैं और उनमें से एक अच्छी खासी संख्या में मुस्लिम बहुल इलाकों में हैं जिनकी देखभाल करने में मुस्लिम भी अपनी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इनमें पुंछ का बुढ्डा अमरनाथ का मंदिर भी प्रमुख है।
आडवानी के अनुसार मंदिरों की संख्या
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के वर्षो पुराने वक्तव्य पर जाएं तो उसके अनुसार कश्मीर में 55 मंदिर तोड़े गए थे। लाल कृष्ण अडवानी ने फरवरी 1991 में कहा था कि सभी राजनीतिक पार्टियां बाबरी के बारे में बोल रही हैं लेकिन किसी ने कश्मीर में तोड़े गए 55 मंदिरों के बारे में कुछ नहीं कहा।
दरअसल
बाबरी
मस्जिद
गिरने
के
कुछ
महीनों
बाद
उन्हीं
आडवाणी
जी
ने
फिर
से
कहा
था
कि
कश्मीर
में
40
मंदिर
तोड़
दिए
गए
और
सब
चुप
रहे।
भाजपा
के
तत्कालीन
महासचिव
केदारनाथ
साहनी
ने
तब
कहा
था
कि
सैकड़ो
मंदिर
गिरा
दिए
गए।
यह
बात
अलग
है
कि
उस
समय
भाजपा
का
केंद्रीय
दफ्तर
यह
संख्या
46
बताता
रहा
था,
जबकि
भाजपा
का
जम्मू
कार्यालय
82
की
पुष्टि
करता
था।यह
शोरगुल
यहीं
समाप्त
नहीं
हुआ
था
क्योंकि
फिर
1993
में
आडवाणी
जी
ने
कहा
था
कि
मुझे
सही
संख्या
नहीं
पता।
संख्या
महत्त्वपूर्ण
नहीं
है
बल्कि
महत्वपूर्ण
यह
है
कि
कश्मीर
में
मंदिर
तोड़े
गए
हैं।
मंदिरों की संख्या को लेकर हमेशा विरोधाभास रहा
इसके बाद भाजपा द्वारा कश्मीर में तोड़े जाने वाले मंदिरों की सूचियां अलग-अलग कई बार जारी की गईं जिनमें संख्या को लेकर हमेशा ही विरोधाभास रहा था। यह बात अलग है कि इनमें 23 ऐसे मंदिर भी शामिल थे जिनका दौरा करने के बाद पत्रकारों ने पाया था कि उन्हें कभी कोई नुक्सान नहीं पहुंचा था। इसी सूची में तुलमुला स्थित क्षीर भवानी मंदिर को राकेटों से उड़ा दिए जाने की बात भी कही गई थी जो आज तक कभी सच साबित नहीं हो पाई है। अगर कश्मीर के मंदिरों की स्थिति के बारे में बात करें तो कई प्रमुख मंदिरों में आज भी पूजा अर्चना जारी है। इनमें श्रीनगर में शंकराचार्य के साथ-साथ गणपत्यार मंदिर, तुलमुला की क्षीर भवानी और मट्टन के मंदिर भी शामिल हैं।
भाजपा करवा रही सर्वे
गौरतलब हैं कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद राज्य का विशेष दर्जा खत्म हो चुका है और राज्य के पुर्नगठन की तैयारी चल रही है। इन्हीं तैयारियों के तहत केंद्र सरकार घाटी में वर्षों से बंद पड़े मंदिरों का सर्वे कराने जा रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की ओर से विगत सोमवार को जानकारी दी गई है कि सरकार इन मंदिरों का सर्वे करा रही है।
इस सर्वे के बाद घाटी के करीब 50,000 मंदिरों को फिर से खोला जाएगा। उन्होंने कहा था कि आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें से तो कई मंदिर ऐसे हैं जो कश्मीरी पंडितों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और दक्षिण कश्मीर के शोपियां में भगवान विष्णु का मंदिर इसी तरह का एक मंदिर है। इसी तरह से पहलगाम में भगवान शिव का एक बहुत पुराना मंदिर है और यह मंदिर भी बंद पड़ा हुआ है।
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