Article 370: जल्द जम्मू-कश्मीर से पूरी तरह से हटा ली जाएंगी पाबंदियां
बंगलुरू। 5 अगस्त, 2019 के बाद से लगातार पाबंदियां में जीने को मजूबर जम्मू-कश्मीर की अवाम पर से पाबंदियां जल्द ही हटने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर जवाब देते हुए शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हर रोज हम परिस्थितियों को देखकर ढील दी रहे हैं। सुरक्षा बलों पर भरोसा रखिए।
वहीं, प्रदेश में मीडिया पर थोपी गई पाबंदियां हटाने की मांग को लेकर डाली गई एक याचिका के जवाब में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वहां दिन प्रतिदिन स्थिति में सुधार हो है और पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई भी जा रही हैं। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि प्रदेश में सभी न्यूज पेपर रिलीज हो रहे हैं आखिर कश्मीर टाइम्स क्यों नहीं, हम रोज ही थोड़ा-थोड़ा कर के पाबंदियां घटा रहे हैं।
गौरतलब है कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर की जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद 19 अगस्त से 12 दिनों से बंद घाटी के स्कूल और सरकारी दफ्तर दोबारा खोलने का फैसला किया है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जमीनी हकीकत का रोजाना जायजा लिया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए।
दरअसल, कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने धारा 370 के हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को एक याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता अनुराधा भसीन को लगभग लताड़ते हुए कहा, मैंने सुबह पेपर में पढ़ा है कि लैंडलाइन सर्विस शुरू ही गई है।
सुप्रीम कोर्ट से टिप्पणी से ऐसी अंजान रहीं अनुराधा भसीन ने फिर दलील पेश करते हुए कहा कि सिर्फ कुछ लैंडलाइन चालू हैं. इस पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कश्मीर टाइम्स जम्मू से छपता है दिन पर दिन सेवाएं शुरू हो रही हैं. हालात भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों को शहर के आसपास और अन्य शहरों में आवाजाही की अनुमति दी जा रही है।
उल्लेखनीय है शुक्रवार को लगातार 12वें दिन भी कश्मीर बंद रहा। हालांकि अधिकारियों ने श्रीनगर में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में थोड़ी ढील जरूर दी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर ढील दी गई है। उन्होंने कहा कि घाटी में हालात अभी तक शांतिपूर्ण है, लेकिन एहतियातन अभी तक सुरक्षाबलों को नहीं हटाया जाएगा।
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