Article 370 : आइए जानते हैं कश्मीर में अब क्या हो रहा खास
बेंगलुरु। आज से ठीक एक महीने पहले केन्द्र की बीजेपी सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर के बाद दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा। पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे पाबंदियां कम की जा रही हैं। कुल मिलाकर एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर में जिंदगी पटरी पर आ रही है। सुरक्षाकर्मी हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। आम लोग भी शहर को सामान्य देखना चाहते हैं। वहीं जम्मू कश्मीर को मोदी सरकार ने विकास को गति देने की पूरी तैयारी कर ली है।
हालांकि आर्टिकल 370 हटाए जानते के मसले पर अभी भी तमाम तरह की चर्चा हो रही हैं, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इससे एक ऐतिहासिक भूल को ठीक किया गया है। पिछले एक महीने में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार कामयाब रही, किसी बड़ी घटना की कोई ख़बर घाटी से नहीं मिली। ऐसे में अब मोदी सरकार विकास के ज़रिए दोनों केंद्र शासित प्रदेशों की तस्वीर बदलने की तैयारी में है।
सरकार
ने
कश्मीर
के
विकास
के
लिए
एक
खाका
तैयार
कर
लिया
है
जिसके
आधार
पर
जम्मू
कश्मीर
और
लद्दाख
को
विकसित
किया
जाएगा।
पिछले
कुछ
दिनों
से
केंद्रीय
कार्मिक
मंत्रालय
के
अधिकारियों
के
जम्मू-कश्मीर
के
दौरा
कर
रहे
हैं।
इसके
अलावा
पिछले
दिनों
जम्मू-कश्मीर
से
अनुच्छेद
370
हटने
के
बाद
केंद्रीय
गृह
मंत्री
अमित
शाह
ने
मंगलवार
को
100
सदस्यीय
डेलिगेशन
से
मुलाकात
की
और
राज्य
के
हालात
का
जायजा
भी
लिया।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए कुल 10 मंत्रालय मिलकर कार्य करेंगे। जिसमें गृह मंत्रालय, केबिनेट सचिवालय, ऊर्जा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय, नीति आयोग, और वित्त मंत्रालय समेत अन्य मंत्रालय कार्य करेंगे।
बटालियन में युवाओं की भर्ती
गृह मंत्रालय के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से बीएसएफ और सीआरपीएफ की एक-एक बटालियन तैयार की जाएगी। इन बटालियनों में दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं को भर्ती किया जाएगा। साथ ही अन्य राज्यों में पुलिसकर्मियों को मिल रहे लाभ को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू किया जाएगा। वहीं अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी कर्मचारियों को मिल रही सुविधाएं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगी। वहीं 7वें वेतन आयोग को भी वहां लागू किया जाएगा।
नये सार्वजनिक उपक्रम
कैबिनेट सचिवालय के अंतर्गत 3 से 5 पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग यानी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पहचान की जाएगी और इनके यूनिट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में खोले जाएंगे। जिससे वहां के लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होगे और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा ।
बिजली की कीमत
ऊर्जा मंत्रालय दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली की कीमतों को भी कम करने पर विचार होगा। इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से चर्चा करेगा और दोनों प्रदेशों में बिजली की कीमतों को कम करने पर विचार-विमर्श करेगा। जिसके बाद दोनों राज्यों के लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध होगी।
मेडिकल सुविधाएं
स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत करने के लिए देशभर के प्रसिद्ध स्वास्थ्य संस्थानों की पहचान की जाएगी। इन संस्थानों से जम्मू-कश्मीर में भी शाखा खोलने के लिए कहा जाएगा। जिसके बाद वहां के लोगों को दूसरे राज्यों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। वहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले बड़े अस्पताल खुलने पर मेडिकल क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेगे। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद इन राज्यों के डाक्टरों को सुदूर नौकरी के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
शिक्षण संस्थान
मानव संसाधन मंत्रालय के तहत शिक्षा क्षेत्र पर भी मोदी सरकार का ज़ोर रहेगा। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय देशभर के प्रसिद्ध संस्थानों की पहचान करेगा। इन शिक्षा संस्थानों से जम्मू-कश्मीर में भी शाखा खोलने के लिए कहा जाएगा.। साथ ही राज्य में शिक्षा के अधिकार को लागू भी किया जाएगा। बता दें बेहतर कालेज और विवि यहां नहीं होने के कारण अभी तक युवाओं को उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए दूर राज्यों में जाना पड़ रहा था।
इंडस्ट्रीज़ को लाया जाएगा
नीति आयोग दोनों प्रदेशों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग यानी DPIIT के साथ मिलकर एक इन्वेस्टर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में बड़ी इंडस्ट्रीज़ को लाया जाएगा ताकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख का विकास हो सके। इन इंडस्ट्रीज को भी जम्मू-कश्मीर में काम शुरू करने के लिए रियायत दी जाएगी। इंडस्ट्रीज़ को 7 साल तक टैक्स से छूट दी जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं, इन इंडस्ट्रीज़ को GST से भी तीन साल के लिए छूट दी जाएगी। साथ ही लद्दाख के लिए वित्त मंत्रालय विशेष डेवलोपमेन्ट पैकेज की घोषणा भी करेगा।
पर्यटन स्थलों को और बनाया जाएगा आकर्षक
पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पर्यटन ही सबसे बड़ी इंडस्ट्री है जो सबसे अधिक रोज़गार मुहैय्या कराती है। पर्यटन क्षेत्र को और मज़बूत करने के लिए पर्यटन मंत्रालय दोनों प्रदेशों को और आकर्षक बनाने पर काम करेगा, वहीं लद्दाख में एडवेंचर, स्पिरिचुअल और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी काम करेगा।
सोलर ऊर्जा में निजी निवेश
नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय लद्दाख में सोलर ऊर्जा में निजी निवेश को लेकर नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय योजना तैयार करेगा। इसके अलावा ऊर्जा से संबंधित अन्य योजनाओं को गति से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जायेगा
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय जम्मू कश्मीर में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय नीतियां बनायेगा। इस उद्योग में निर्यात केंद्रित स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जायेगा। जिससे वहां के व्यापारियों को अत्यधिक लाभ होगा।
सेब की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य
सत्यपाल मलिक ने कहा 22 लाख मीट्रिक टन सेब हर साल होता है। सात लाख सेब की खेती करने वाले किसान हैं। हम एमएसपी घोषित करने की तैयारी में भी हैं जो बाजार भाव से ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि हर जिले में एक आईटीआई होगा। हर जिले में युवाओं को प्लेसमेंट कराया जाएगा।
अगले 2 महीने में 50 हजार लोगों को नौकरी देने की योजना
जम्मू कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने राज्य के मौजूदा हालात को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लोगों की बेहतरी के लिए लिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगले 2 से तीन महीने में 50 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी जाएगी। केंद्र सरकार इस पर काम कर रही है।
पंचों और सरपंचों को मिलेगा बीमा कवर
जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से खतरे का सामना करने वाले सभी पंचों और सरपंचों को पुलिस सुरक्षा के साथ ही दो-दो लाख रुपये का बीमा कवरेज मिलेगा। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह आश्वासन जम्मू कश्मीर के सरपंचों और पंचों के एक प्रतिनिधिमंडल को दिया. प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उनसे मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के अनुसार शाह ने कहा कि मानदेय बढ़ाने की पंचों और सरपंचों की मांग पर विचार किया जाएगा। श्रीनगर जिले के हरवन के एक ग्राम प्रधान जुबेर निषाद भट्ट ने संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य में मोबाइल फोन सेवाएं अगले 15-20 दिनों में बहाल कर दी जाएंगी और उन सभी को दो दो लाख रुपये का बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा।
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