एस जयशंकर ने अमेरिका में आर्टिकल 370 पर कही बड़ी बात, पांच अगस्त से पहले कश्मीर में बेकाबू थे हालात
न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पांच अगस्त से पहले जम्मू कश्मीर बहुत बुरी स्थिति में था। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को राज्य से आर्टिकल 370 को हटाने और इसे मिले विशेष दर्जे को खत्म करने का फैसला किया था। विदेश मंत्री इस समय अमेरिका में हैं और यहां पर वह यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में हिस्सा ले रहे हैं। विदेश मंत्री ने यह बात उस समय कही जब वह एक चर्चा में हिस्सा ले रहे थे।
राज्य में कई प्रतिबंध हो चुके हैं खत्म
न्यूयॉर्क में एक चर्चा में हिस्सा लेते हुए जयशंकर ने कहा कि राज्य में कई प्रतिबंधों को खत्म कर दिया गया है। लैंडलाइन्स और कुछ जगहों पर मोबाइल टावर्स काम कर रहे हैं और आर्थिक गतिविधियां बहाल हो गई हैं। उन्होंने आगे कहा प्रतिबंधों को इसलिए लागू करना पड़ा था ताकि जिंदगियों को बचाया जा सके। जयशंकर ने कहा, 'पिछले 30 सालों में 42,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आम लोगों के बीच डर और भय उस स्तर तक पहुंच गया था जहां पर पुलिस ऑफिसर्स की श्रीनगर की सड़कों पर मॉब लिंचिंग हो रही थी। जर्नलिस्ट्स जिन्होंने अलगाववाद के खिलाफ लिखा उनकी हत्या हो गई। मिलिट्री जवान जो ईद की छुट्टी पर घर लौट रहे थे उनका अपहरण करके हत्या कर दी गई।' उन्होंने आगे कहा कि इसलिए पांच अगस्त से पहले कश्मीर में पूरी तरह से अराजकता थी।
घाटी में जरूरी थे प्रतिबंध
जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में मुश्किलें पांच अगस्त से शुरू नहीं हुई हैं। यह इन मुश्किलों का सामना करने का एक रास्ता है। उन्होंने साल 2016 की एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया, 'साल2016 में जब एक स्वघोषित आतंकी बुरहान वानी को मारा गया तो उसके बाद हिंसा में तेजी आ गई। आर्टिकल 370 को हटाने के बाद हमारी कोशिश और सोच हालातों को नियंत्रित करना था।' जयशंकर ने भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत फ्रैंक जी विश्नर के साथ बातचीत में यह बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सप्लाई को सामान्य रखने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। विदेश मंत्री के मुताबिक कश्मीर में अभी सेब की खेती का मौसम है और ऐसी कोशिशें की जा रही हैं कि बदलाव की वजह से परेशान न होना पड़े। इसके लिए सरकार सेब को खरीदने की कोशिश कर रही है।