क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

धारा-370: केजरीवाल के बदले तेवर के पीछे क्या दिल्ली के चुनाव हैं?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले का जितनी जल्दी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया है, वह लोगों को हैरान कर गया है। क्योंकि, खुद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी। इसलिए, जब उसने आजाद भारत के इतिहास का इतना बड़ा फैसला लिया है, तब वे अचानक मोदी-शाह के साथ खड़े क्यों दिखाई दे रहे हैं, ये सवाल उठना लाजिमी है। सोशल मीडिया पर भी लोग आम आदमी पार्टी सुप्रीमो से कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं। ऐसे में एक बात ये भी उठ रही है कि कहीं दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तो केजरीवाल ने अपना स्टैंड नहीं बदल लिया है?

केजरीवाल से क्या पूछ रहे हैं लोग?

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो ने ट्वीट करके कहा है कि, "जम्मू कश्मीर पर हम सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं। हमें विश्वास है कि इससे राज्य में शांति बहाल होगी और विकास होगा।" बड़ी बात ये है कि जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले पर सरकार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के भी समर्थन की दरकार होगी और अब पार्टी के 3 राज्यसभा सांसद सरकार के पक्ष में वोट करेंगे। एक यूजर ने ट्वीटर पर ही केजरीवाल से पूछा है कि "अगली बार ये शिकायत मत कीजिएगा कि केंद्र 'अलोकतांत्रिक तरीके' से दिल्ली को काम नहीं करने दे रही है।" अभिनव सिन्हा नाम के एक यूजर ने लिखा है कि "शांति सर???? सच में???"

केजरीवाल के समर्थन में भी हैं लोग

ऐसा नहीं है कि लोग अरविंद केजरीवाल की सिर्फ खिंचाई ही कर रहे हैं। कुछ लोगों उनके बयान की सराहना भी कर रहे हैं। एक ने लिखा है, "राजनीतिक संभावनाओं में फंसे रहने और सच्चाई के लिए खड़े होने में से उन्होंने चुन लिया है। दूसरे भी इसका पालन करेंगे। " वैसे एक यूजन ने उनके फैसले पर अलग अंदाज में चुटकी भी ली है। एक यूजर ने लिखा है, "इस बीच मिस्टर केजरीवाल जम्मू एवं कश्मीर सरकार के लिए केंद्र के साथ सहयोगी और उत्पादक संबंध स्थापित करने के लिए एक ओरिएंटेशन रखेंगे।"

इसे भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से क्या पड़ेगा फर्क?इसे भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से क्या पड़ेगा फर्क?

मोदी के राष्ट्रवाद से डर गए हैं केजरीवाल?

मोदी के राष्ट्रवाद से डर गए हैं केजरीवाल?

अगले साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं। चर्चा है कि चुनाव आयोग इस साल के अंत में होने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही दिल्ली में चुनाव कराने का ऐलान भी कर सकता है। ऐसे में हो सकता है कि आर्टिकल 370 पर केजरीवाल कोई राजनीतिक जोखिम नहीं लेना चाहते हों। क्योंकि, उन्हें पता है कि जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार का ऐक्शन उसके राष्ट्रवाद के सिद्धांतों के अनुकूल है। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश की सुरक्षा और बालाकोट जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़कर दिल्ली की सभी सातों सीटें बहुत बड़े अंतर से जीती हैं। शायद यही वजह है कि अब केजरीवाल उस पिच पर बैटिंग नहीं करना चाह रहे हैं, जिसपर वे मोदी-शाह की गेंदों पर क्लीन बोल्ड हो चुके हैं।

क्या किया और परिणाम क्या मिला?

क्या किया और परिणाम क्या मिला?

जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी की बात हो या सर्जिकल स्ट्राइक या फिर पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट एयरस्ट्राइक, हर मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और उसके सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सवाल उठाकर मोदी सरकार और बीजेपी को घेर चुके हैं। सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से उनका सबूत मांगना तो खूब चर्चित भी हो चुका है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इसे ही मुद्दा बनाया और उनके खिलाफ इसी आधार पर वोट मांगे। नतीजा ये रहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में कोई सीट तो नहीं ही जीत सकी, वह कांग्रेस से भी पीछे तीसरे नंबर पर चली गई। पार्टी को सिर्फ 18.11% वोट मिले, जबकि कांग्रेस उससे कहीं ज्यादा 22.51% वोट ले आई। इन दोनों के मुकाबले बीजेपी को निर्णायक 56.56% वोट मिले। इसलिए, ऐसा लगता है कि शायद अब राष्ट्रवाद के मुद्दे पर केजरीवाल बीजेपी से भिड़ने के मूड में नहीं हैं और वह 'फ्री सेवा' की बदौलत ही दिल्ली में दोबारा वापसी चाह रहे हैं।

इसे भी पढ़ें- अनुच्छेद 370 के हटने से क्या पड़ेगा फर्क?इसे भी पढ़ें- अनुच्छेद 370 के हटने से क्या पड़ेगा फर्क?

Comments
English summary
Article 370: is Delhi election behind kejriwal's stand?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X