#Article370: तो ये है जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने की वजह
नई दिल्ली। सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के मिलने वाले स्पेशल स्टेटस को अब खत्म कर दिया गया है, कल राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया, बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े , इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं, इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जहां भाजपा जश्न मना रही हैं,वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस पर कड़ा विरोध जताया है।
'कश्मीर और लद्दाख में लोकतंत्र मजबूत नहीं हो पाया'
राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को कश्मीर से हटाना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया था, क्योंकि 370 की वजह से ही आज तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में लोकतंत्र मजबूत नहीं हो पाया, जम्मू कश्मीर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं 370 की वजह से नहीं मिल पाईं, पढ़ाई और रोजगार नहीं मिल पा रहा है, लोग वहां दहशत के साए में जी रहे हैं।
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'घाटी के गांव आज भी गरीबी में जीने को मजूबर हैं'
अमित शाह ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में जो पाकिस्तान के शरणार्थी गए उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिल पाई है, देश को 2 प्रधानमंत्री पाकिस्तान से आए शरणार्थियों ने दिए हैं, मनमोहन सिंह और इंद्र कुमार गुजराल, यही नहीं 370 ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख से लोकतंत्र वहां मजबूत नहीं हो पाया और भ्रष्टाचार बढ़ता चला गया, घाटी के गांव आज भी गरीबी में जीने को मजूबर हैं क्योंकि वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं इसी 370 की वजह से नहीं मिल पाई है, जबकि महिला विरोध, दलित विरोध और आतंकवाद की जड़ यही 370 है।
370 ने जम्मू कश्मीर के लोगों का नुकसान किया है
शाह ने कहा कि इस मौके पर आज मैं हमारे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करना चाहता हूं, उन्होंने कहा था कि 41800 लोगों ने जान गंवाई है, अगर धारा 370 न होती तो इन लोगों की जान न जाती. अमित शाह ने कहा कि ज्यादतर पर बातें तकनीक पर हुईं जबकि धारा 360 की उपयोगिता पर कोई बात नहीं हुई, इससे क्या हासिल होने वाला है इस पर कुछ बात नहीं हुई. इसकी वजह से घाटी, लद्दाख और जम्मू कश्मीर के लोगों का नुकसान हुआ है इसलिए इसका हटाना बहुत जरूरी
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