आर्टिकल 370: सेना प्रमुख जनरल रावत ने बताया क्यों चुनी गई थी पांच अगस्त की तारीख
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नई दिल्ली। आज जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटे और राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म हुए पूरा एक महीना हो गया है। इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों जो समय सरकार ने इस फैसले के लिए चुना वह पूरी तरह से सही था। पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने राज्य से 370 और 35ए को हटाने का ऐलान किया था। एक माह बाद घाटी में प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई है और फोन लाइंस चालू हो गई हैं।
सेना ने किया सरकार का समर्थन
जनरल रावत ने इंटरव्यू में कहा, 'जम्मू कश्मीर में हिंसा का एक और दौर शुरू होने को था और सरकार की टाइमिंग पूरी तरह से सही थी। पाकिस्तान पर दबाव था कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्ट में आ सकता है। मैंने सरकार को बता दिया था कि अगर राज्य में फैसला लागू किया जाता है तो फिर मिलिट्री पूरा सपोर्ट मुहैया कराएगी।' एफएटीएफ की ओर जे जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया था। संस्था ने माना था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने में पाक सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
पाक हो सकता है ब्लैकलिस्ट
इस वर्ष जून में अमेरिका के फ्लोरिडा में एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में पाक से अपील की गई थी कि वह अक्टूबर 2019 तक एक्शन प्लान मुहैया कराए और बताए कि वह आतंकियों पर क्या कार्रवाई करेगा। एफएटीएफ की ओर पाक को चेतावनी दी गई थी कि अगर पाक ने ऐसा नहीं किया तो फिर संस्था की ओर से अगले कदम पर बड़ा फैसला किया जाएगा। संस्था ने देश को ब्लैक लिस्ट में भी शामिल करने की तरफ भी इशारा किया था। जनरल रावत ने आतंकियों से अपील की और कहा कि इस पीढ़ी ने शांति देखी ही नहीं है।
सेना हिंसा नहीं चाहती है
जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर में आतंकियों को अब शांति को भी एक मौका देना चाहिए। सेना प्रमुख के शब्दों में, 'पिछले 30 वर्षों से हिंसा जारी है और मुश्किलों के कई दौर निकले हैं। अब गुस्से को पीछे छोड़िए और शांति को एक मौका दीजिए आगे बढ़िए।' उन्होंने कहा कि वह आतंकियों को शांति का मौका दे रहे हैं। जनरल रावत के मुताबिक सेना आतंकियों के पीछे नहीं पड़ी है क्योंकि वह हिंसा के दम पर माहौल को खराब नहीं करना चाहती है। सेना प्रमुख की मानें तो सेना कभी घेरा बनाकर, तलाशी को अभियान नहीं चाहती है। लेकिन ताली बजाने के लिए दोनों हाथों की जरूरत है।
जनरल रावत ने किया प्रतिबंधों का बचाव
जनरल रावत ने पांच अगस्त में जारी प्रतिबंधों का भी बचाव किया है। उन्होंने इशारा किया कि अगले कुछ दिनों तक प्रतिबंध जारी रह सकते हैं। जनरल रावत की मानें तो जिस पल भी घाटी में प्रतिबंधों में ढील गई तो उसी पल हिंसक तत्व सक्रिय हो जाएंगे। परेशानी पैदा हो सकती है क्योंकि यह तत्व नहीं चाहते हैं कि घाटी में शांति कायम हो। सेना प्रमुख ने कहा है कि लगातार भड़काऊ बयान देकर पाकिस्तान सिर्फ अपना असली चेहरा सामने ला रहा है। उन्होंने जानकारी दी सेना पाकिस्तान की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।