रहमान से पूछताछ में अहम खुलासे, डी कंपनी की मदद से रोहिंग्या मुसलमानों को आतंकी बनाना था मकसद
नई दिल्ली। दिल्ली से गिरफ्तार बांग्लादेशी मूल के 27 वर्षीय एक संदिग्ध अलकायदा आतंकवादी समीउन रहमान उर्फ सूमोन हक के लैपटॉप और मोबाइल फोन को स्पेशल सेल ने फरेंसिक जांच के लिए लैब भेज दिया है। रहमान के गैजेट्स की जांच से कई महत्वपूर्ण राज बाहर आने की उम्मीद है। अभी तक की गई पूछताछ में पता चला है कि रहमान का असली मकसद भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की एक फौज बनाकर उन्हें म्यांमार आर्मी के सामने खड़ा करना था। इस फौज को हथियार भी अल-कायदा से मिलने थे। लेकिन, इससे पहले ही वह पकड़ गया।
रोहिंग्या मुस्लिमों से परेशान हुआ बांग्लादेश, बांटे जा रहे कंडोम
लगातार
डी
कंपनी
के
संपर्क
में
था
रहमान
पूछताछ
में
रहमान
ने
रहमान
ने
बताया
है
कि
वह
डी-कंपनी
के
ऐक्टिव
मेंबर
फारूख
से
ढाका
जेल
में
मिला
था।
रहमान
के
मुताबिक,
फारूख
ने
उसे
भारत
में
हमलों
को
अंजाम
देने
के
लिए
हथियारों
और
गोला
बारूद
की
सप्लाई
देने
का
वादा
किया
था।
यह
मीटिंग
2016
में
हुई
थी।
फारूख
को
रहमान
के
अल-कायदा
से
जुड़े
होने
के
बारे
में
पता
था।
उसने
रहमान
से
कहा
कि
वह
जेल
से
बाहर
आने
के
बाद
डी-कंपनी
के
एक
अन्य
सदस्य
रऊफ
से
संपर्क
करे।
10
दिन
पुलिस
कस्टडी
में
रहेगा
रहमान
स्पेशल
सेल
ने
दाऊद
के
सहयोगियों
के
तौर
पर
रऊफ
और
फारूख
की
पहचान
की
पुष्टि
की
है।
एजेंसियां
इन
दोनों
की
भूमिकाओं
के
बारे
में
पता
लगाने
में
जुट
गई
है।
रऊफ
पिछले
साल
तक
भारतीय
जेल
में
था।
छूटने
के
बाद
उसे
डिपोर्ट
कर
दिया
गया
था।
पुलिस
ने
मंगलवार
को
बताया
कि
रहमान
10
दिन
पुलिस
कस्टडी
में
रहेगा।
सूत्रों
के
मुताबिक,
पुलिस
ने
कुछ
ऐसे
लोगों
की
पहचान
की
है,
जिनकी
भर्ती
रहमान
ने
की
थी।
भर्ती
का
मकसद
आतंकी
गतिविधियों
को
अंजाम
दिलाना
था।
एजेंसियां
उस
शख्स
को
भी
पकड़ने
में
लगी
हैं,
जिससे
मिलने
रहमान
मणिपुर
जाने
वाला
था।
सच
साबित
हुआ
IB
का
दावा
गौरतलब
है
कि
रहमान
ने
बांग्लादेश
की
जेल
में
रहने
के
दौरान
डॉन
दाऊद
इब्राहिम
के
सहयोगियों
ने
संपर्क
किया
था।
भारतीय
इंटेलिजेंस
एजेंसियों
ने
पहले
ही
दावा
किया
था
कि
डी-कंपनी
आईएसआई
की
मदद
से
भारत
में
आतंकी
गतिविधियों
को
हवा
दे
रही
है
और
रहमान
के
डी
कंपनी
के
कनेक्शन
ने
एजेंसिसियों
के
दावे
पर
मुहर
लगा
दी
है।
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