बेंगलुरु: 'बांग्लादेशी' बताकर तोड़ दी गरीबों की झुग्गियां, प्रशासन ने इंजीनियर को हटाया
नई दिल्ली। उत्तरी बेंगलुरु के करियम्माना अग्रहारा इलाके की झुग्गियों को गिराने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने अवैध बांग्लादेशी का कब्जा बताकर 200 से अधिक झुग्गियों को गिरा दिया था। बाद में जब मामला सामने आया तो पता चला कि, जिन लोगों के कच्चे घरों को गिराया गया था। वे सभी भारतीय थे। इस मामले के प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए करियम्माना अग्रहारा इलाके की सैकड़ों झुग्गियों को ढहाने का आदेश देने वाले लोक निर्माण विभाग के असिस्टेंट एग्जिक्यूटिव इंजीनियर को हटा दिया गया है।
करिअम्मन अग्रहारा इलाके में 18 जनवरी को इन मकानों को तोड़ा गया है। मकान गिराने से पहले इलाके में बिजली और पानी की आपूर्ति में कटौती भी की गई। मकान गिरये जानें के बाद वहां रहने वाले सैंकड़ों निवासी सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं। कच्चे घरों में रहने वाले मोहम्मद जहांगीर हुसैन ने बताया कि मैं त्रिपुरा का रहने वाला हूं। घरों को ढहाए जाने से पहले हमें नोटिस नहीं दिया गया था। हम बांग्लादेशी नहीं हैं। हम गरीब लोग हैं, पक्के मकानों में रहने के लिए किराया नहीं दे सकते, इसलिए हम यहां रहते हैं। मेरे पास सभी कानूनी दस्तावेज हैं।
प्रशासन की कार्रवाई पर बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) के मेयर ने सफाई देते हुए कहा कि, बीबीएमपी के अधिकारियों ने नहीं दिया थो तोड़फोड़ का आदेश। बीबीएमपी के एक असिस्टेंट एग्जिक्युटिव इंजिनियर के आदेश पर कार्रवाई हुई है। हमें नहीं पता है कि किसने यह किया। कमिश्नर स्तर पर होगी जांच। इंजीनियर नारायण स्वामी बीबीएमपी में प्रतिनियुक्ति पर थे। उन्हें वापस पीडब्ल्यूडी भेज दिया गया है। साथ ही पीडब्ल्यूडी को लिखित में कहा गया है कि झुग्गियों को ढहाने का आदेश देने के लिए स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
M Goutham Kumar, Mayor, Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike: BBMP officials haven't demolished the houses but an assistant executive engineer of BBMP had given the order. We don't know who had taken up the task. An inquiry is being held at commissioner level. pic.twitter.com/i0nN9zgekE
— ANI (@ANI) January 21, 2020
बीबीएमपी आयुक्त बीएच अनिल कुमार ने बताया कि हमने स्वामी को वापस पीडब्ल्यूडी भेज दिया है. अब उनके निलंबन का ऑर्डर भेजा जाएगा। उन्होंने किसी को जानकारी दिए बिना ही डिमॉलिशन का सर्कुलर जारी कर दिया था। उन्होंने अपनी मर्जी से फैसला लिया था। मुझे नहीं पता कि इसके लिए उन्हें किसी से आदेश मिला था या नहीं। हम पीडब्ल्यूडी सचिव से उनके निलंबन के लिए बात कर रहे हैं।
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