कश्मीरी युवक को जीप से बांधने वाले मेजर को सेना ने किया सम्मानित
भारतीय सेना के प्रवक्ता अमन आनंद ने बताया कि मेजर गोगोई को भारतीय सेना की ओर से सम्मानित किया गया है। उन्हें आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कॉमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया।
नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए कश्मीरी युवक को जीप से बांधने वाले मेजर नितिन गोगोई का सेना ने सम्मान किया है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए मेजर नितिन गोगोई को सम्मानित कियाष उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) कॉमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया।
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने मेजर नितिन गोगोई का किया सम्मान
भारतीय सेना के प्रवक्ता अमन आनंद ने बताया कि मेजर गोगोई को भारतीय सेना की ओर से सम्मानित किया गया है। उन्हें आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कॉमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया। अधिकारी को जनरल बिपिन रावत के हालिया जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान सम्मानित किया गया। बता दें पिछले महीने 9 अप्रैल को मेजर नितिन गोगोई उस समय सुर्खियों में आए थे घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए उन्होंने आर्मी जीप पर एक स्थानीय युवक को बांधा था। उस युवक की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। बाद में भारतीय सेना ने इस घटना की जांच के आदेश दिए। सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी में मेजर गोगोई को क्लीन चिट दी गई थी। ये पूरा घटनाक्रम तब हुआ जब 9 अप्रैल को श्रीनगर में लोकसभा उपुचनाव हो रहे थे।
बडगाम में कश्मीरी युवक को जीप से बांधने के मामले में भले ही सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी अधिकारी को क्लीन चिट मिली हो लेकिन जांच में क्लीन चिट से पहले ही थल सेना के अलावा वायु सेना और नौसेना के अधिकारियों ने मेजर के उठाए गए कदम का समर्थन किया था। बाद में सरकार की ओर से भी उनका समर्थन करने का फैसला किया गया था। सूत्रों के मुताबिक मेजर ने कश्मीरी युवक फारूक अहमद डार को जीप पर बांधने का जो फैसला लिया था, उसे सीनियर ऑफिसर्स सराहा था। ऑफिसर्स का मानना था कि यह फैसला मेजर की तीव्र सोचने की क्षमता, उनकी मानसिक ताकत के साथ ही खून-खराबे को रोकने के लिए पहल लेने की क्षमता को दर्शाता है। अगर वह ऐसा फैसला न लेते तो शायद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती थी।
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