जम्मू कश्मीर से लेकर असम तक, राजनेता नहीं बल्कि सेना पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है जनता
नई दिल्ली। देश में जारी चुनावी माहौल के बीच ही एक ऐसा सर्वे भी है जिसमें जनता ने किसी भी राजनीतिक पार्टी पर अपना भरोसा नहीं जताया है। जनता के लिए सेना आज भी सबसे भरोसेमंद है और इसके बाद न्यायपालिका का नंबर आता है। राजनीतिक पार्टियां क्रम में सबसे निचले पायदान पर आती हैं। न सिर्फ राजनीतिक पार्टियां बल्कि सरकारी अधिकारी और पुलिस पर भी लोगों को जरा भी भरोसा नहीं है। सेना की विश्वसनीयता से जुड़ा यह सर्वे ऐसे समय में आया है जब देश में 26 फरवरी को हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद सुबूत मांगने का दौर जारी है। कई राजनेता और दल अजीबो-गरीबों बयान देकर सेना की विश्वसनीयता और उसके किए गए कामों पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।
सरकारी कामकाज से जुड़ा सर्वे
बेंगलुरु स्थित अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी और दिल्ली के इंस्टीट्यूट लोकनीति सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज की ओर से यह सर्वे कराया गया था। इस सर्वे को पॉलिटिक्स एंड सोसायटी बीटवीन इलेक्शंस (2019) टाइटल दिया गया है। सर्वे चुनावों के बीच राजनीति, समाज और सरकारी कामकाज से जुड़ा था।
77 प्रतिशत लोगों को सेना पर भरोसा
सर्वे, असम, जम्मू कश्मीर, केरल, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में कराया गया था। इस सर्वे में शामिल 77 प्रतिशत लोगों ने देश की सेनाओं पर अपना भरोसा जताया है। वहीं 54.8 प्रतिशत लोगों ने सुप्रीम कोर्ट पर और 48 प्रतिशत लोगों ने हाई कोर्ट पर अपना भरोसा जताया। इस सर्वे के मुताबिक 18 से 35 वर्ष के लोंगों के बीच नौकरी से जुड़ी चिंताएं सबसे अहम थीं।
राष्ट्रगान के लिए खड़े न होने पर मिले सजा
सर्वे में शामिल 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार को उन लोगों को सजा देनी चाहिए जो सार्वजनिक जगहों पर राष्ट्र गान के लिए नहीं खड़े होते हैं। वहीं 20 प्रतिशत लोगों ने इससे असहमति जताई है। सर्वे के मुताबिक, 'हिंदी भाषी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के लोगों ने सर्वे में राष्ट्रवादी सोच को दर्शाया है। उत्तराखंड को हटाकर करीब 40 प्रतिशत लोग इन राज्यों में इस बात से सहमत हैं कि राष्ट्रगान के लिए खड़े न होने वाले लोगों को सजा दी जानी चाहिए।'
बीफ पर क्या बोले लोग
इस सर्वे में इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि देश और राष्ट्रवाद इस पर हमेशा बहस होती रहती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस बहस ने एक बड़ा रूप ले लिया है। सर्वे में लोगों ने कहा है कि अब देश में लोग अपने बर्ताव और अपने विचारों की वजह से दो गुटों में बंट गए हैं, राष्ट्रवादी और राष्ट्र विरोधी। सर्वे में पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्यो में बीफ खाने पर सजा की मांग की गई है। ये देश के वे राज्य हैं जहां पर गौहत्या पूरी तरह से बैन है। वहीं मिजोरम, नागालैंड और केरल जैसे राज्यों में बीफ पर सजा की मांग को खारिज कर दिया गया है।