ईस्टर्न कमांड के जाबाज Hero डच की 9 साल में मौत, कई IED धमाकों से बचाई लोगों की जान
कोलकाता: देश की आर्मी ईस्टर्न कमांड ने 9 साल के 'डच' को सम्मानपूर्वक बधाई दी। ईस्टर्न कमांड के जाबाज हीरो डच की 11 सितंबर को मौत हो गई थी। शनिवार को डच की अंतिम विदाई के लिए शोकसभा रखी गई। डच ने आतंतवादियों के खिलाफ चलाए गए कई अभियानों में हिस्सा लिया था। उसने कई बार खतरनाक विस्फोटों की पहचान करने में आर्मी की सहायता की। ईस्टर्न कमांड ने शनिवार को डच की तस्वीरें शेयर की।
'डच को सम्मानपूर्वक दी गई विदाई'
ईस्टर्न कमांड के जवानों ने शनिवार को डच की मौत पर शोक सभा रखी। इस शोकसभा में जवानों ने डट को म्मानपूर्वक विदाई दी। डच ने कई सालों तक देश की सेवा की। उसका जन्म 3 अप्रैल 2010 में मेरठ के आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में हुआ था। ये भारतीय सेना के खास डॉग था। ईस्टर्न कमांड ने ट्वीट कर उसे रियल हीरो बताया। सेना के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने संवेदना व्यक्त की।
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यूजर्स ने दी व्यक्त की संभावनाए
एक यूजर ने ट्वीट किया कि यद्यपि ये दुखद पोस्ट है, लेकिन ये साथ ही उत्कृष्ट पोस्ट है जो हमारे बहादुर कुत्तों को सम्मान देती है। इस ग्रह पर रहने वाले जीव के लिए एक उचित जगह है और मुझे और मुझे खुशी है कि हम उन्हें उनकी उचित सम्मान दे रहे हैं, जब इसकी जरूरत है। तुम्हें एक सुखद यात्रा की शुभकानमाएं, एक दूसरे यूजर ने लिखा।
क्या है ईस्टर्न कमांड
भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड देश की सात प्रमुख ऑपरेशन कमांड में से एक है। इसका मुख्यालय कोलकाता के फोर्ट विलियम में है। कोलकाता में ही डच को ये सम्मान दिया गया। पूर्वी कमांड के लिए डच ने कई ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी। दिसंबर 2014 में असम के गोलापार में एक पब्लिक बस में 6 किलोग्राम आईडी का पता लगाया था। इसी के साथ उसने एक बड़ी दुर्घटना को अंजाम देने से बचा लिया था।
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