सेना प्रमुख ने 1965 और 1971 के वेटरन्स को पेंशन देने का प्रस्ताव रखा
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 1965 और 1971 में हुए युद्ध में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देने की बात कही है। सेना प्रमुख ने कहा कि जो जवान इस युद्ध में शामिल हुए थे उन्हें पेंशन दी जानी चाहिए। जनरल नरवणे ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखा है। वेटरंस डे पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने यह प्रस्ताव सामने रखा। उन्होंने इस मौके पर तमाम शहीद परिवारों को शुभकानाएं दी और उन्हें इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा सेना प्रमुख ने कहा कि 2019 में सेना ने 246 अधिकारियों, 1500 जेसीओ को रिटायरमेंट के बाद नौकरी हासिल करने में मदद की है।
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महिलाओं को भी किया जाएगा शामिल
सेना प्रमुख ने सशस्त्र बल वेटरन्स डे पर कहा कि हमने महिलाओ को सैन्य पुलिस की टुकड़ी में शामिल करने का फैसला लिया है। 1700 वाहिनी सैन्य पुलिस में शामिल की जाएगी। इस बाबत 6 जनवरी से 101 महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि सैन्य प्रमुख जनरल नरवणे सेना प्रमुख बनने से पहले वह उप सेना प्रमुख थे। उन्हें चीन से लगने वाली तकरीबन 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर निगरानी रखने का जिम्मा दिया गया था। जनरल बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद नरवणे को सेना प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है।
पीओके को हासिल कर सकते हैं
बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख ने कहा था कि सेना प्रमुख ने कहा था कि यदि सेना को संसद से यह आदेश मिलता है तो वह बाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को अपने नियंत्रण में ले सकती है। सेना प्रमुख ने यह बयान सेना दिवस से पहले पत्रकारों से बात करते हुए दिया था। नरवणे ने कहा कि सेना सियाचीन ग्लेशियर में पूरी तरह से सतर्क है। सियाचिन ग्लेशियर सामरिक रूप से काफी संवेदनशील क्षेत्र है, लिहाजा इस बात की संभावना है कि यहां भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत हो सकती है, लिहाजा हम यहां पर पूरी तरह से सतर्क हैं।
संसद में पास हुआ था प्रस्ताव
जनरल नरवणे ने कहा कि जहां तक पीओके की बात है तो कई वर्ष पहले संसद में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि जम्मू कश्मीर का पूरा हिस्सा भारत का है। अगर संसद चाहती है कि यह पूरा इलाका भारत का हो और इसके लिए हमे आदेश दिए जाते हैं तो हम निश्चित तौर पर इस दिशा में कार्रवाई करेंगे। बता दें कि 1994 में संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमे कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के उस पूरे इलाके को पाकिस्तान खाली करे, जिसपर उसने हमला करके उसपर कब्जा कर लिया था।