चीन को जवाब देने के लिए अरुणाचल में भी सेना तैयार, आर्मी चीफ ने जमीनी हालात का लिया जायजा
नई दिल्ली: लद्दाख में जारी सीमा विवाद को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। भारत की तमाम चेतावनियों के बाद भी चीन सीमा पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में खबर आई थी कि चीन ने अरुणाचल से लगती सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है, जिस वजह से भारतीय सेना ने भी वहां अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। इस बीच गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे पूर्वोत्तर के दौरे पर पहुंचे।
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सैन्य अधिकारियों के मुताबिक सेना प्रमुख दिल्ली से वायुसेना के विशेष विमान से असम के तेजपुर पहुंचे। इसके बाद वहां स्थित सेना की फोर-कोर यानि गजराज कोर के मुख्यालय में अधिकारियों से मुलाकात की। फोर कोर के अंतर्गत अरुणाचल से लगती सीमाएं भी आती हैं। इस दौरान सेना प्रमुख के साथ पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी मौजूद थे। मुख्यालय के अधिकारियों ने सेना प्रमुख को एलएसी के जमीनी हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सैटेलाइट
ने
खोली
थी
चीन
की
पोल
आपको
बता
दें
कि
डीआरडीओ
की
ओर
से
संचालित
खुफिया
सैटेलाइट
ईएमआइसैट
ने
कुछ
दिनों
पहले
चीन
के
कब्जे
वाले
तिब्बत
की
ताजा
तस्वीरें
हासिल
की
थीं।
जिसमें
साफ
दिख
रहा
था
कि
अरुणाचल
से
लगती
सीमा
पर
चीन
बड़े
पैमाने
पर
सैनिकों
की
तैनाती
कर
रहा
है।
इस
मिशन
के
दौरान
रेडियो
और
रडार
सिग्नलों
की
भी
निगरानी
की
गई
थी।
इस
रिपोर्ट
के
बाद
अरुणाचल
से
लगती
सीमा
पर
भी
भारतीय
सेना
ने
अपनी
स्थिति
को
और
मजबूत
कर
लिया
था।
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लद्दाख
में
सेना
ने
उतारा
टैंक
सूत्रों
के
मुताबिक
चीन
ने
दौलत
बेग
ओल्डी
(DOB)
और
देपसान्ग
प्लेन्स
में
17
हजार
के
करीब
जवानों
की
तैनाती
कर
दी
है।
खबर
सामने
आते
ही
भारतीय
सेना
भी
हरकत
में
आई
और
वहां
पर
टी-90
टैंक
रेजीमेंट
को
तैनात
कर
दिया।
ये
तैनाती
काराकोरम
दर्रे
के
पास
पेट्रोलिंग
प्वाइंट
1
से
लेकर
देपसान्ग
प्लेन्स
तक
की
गई
है।
न्यूज
एजेंसी
ANI
के
मुताबिक
चीन
ने
तैनाती
अप्रैल
से
मई
के
बीच
में
की
थी।
इसके
बाद
से
वो
इस
इलाके
में
पीपी-10
से
पीपी
13
तक
भारतीय
सेना
को
निगरानी
से
रोक
रहे
हैं।