नवंबर में काठमांडू की यात्रा पर जाएंगे सेना प्रमुख, 'जनरल' की मानध उपाधि से सम्मानित करेगा नेपाल
नई दिल्ली: चीन के साथ मई से ही भारत का विवाद जारी है। इस बीच नेपाल भी चीन की राह पर चल पड़ा था। पहले तो उसने विवादित नक्शा पास किया। इसके बाद सीमा पर कई विवादित गतिविधियां की। जिसके बाद भारत के साथ नेपाल का विवाद बढ़ गया, हालांकि भारत इसके बाद भी नेपाल की मदद करता रहा। अब दोनों देशों के संबंध सुधरते नजर आ रहे हैं। जिसके तहत भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे अगले महीने नेपाल के दौरे पर जाएंगे।
दरअसल नेपाल सरकार की ओर से इस साल फरवरी में सेना प्रमुख नरवणे की काठमांडू यात्रा का प्रस्ताव था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया। अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने पर नवंबर में सेना प्रमुख की यात्रा को फिर से रिशेड्यूल किया गया है। इस यात्रा के दौरान नेपाली सेना उन्हें जनरल की मानद रैंक देकर सम्मानित करेगी। इस दौरे से दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की उम्मीद है।
चीन में नेपाल के राजदूत ने भारत के बारे में ऐसा क्या कह दिया कि हो गया विवाद
नेपाल सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक वहां की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडाली भारतीय सेना प्रमुख नरवणे को मानध रैंक से सम्मानित करेंगी। इसके लिए वो नवंबर में नेपाल की यात्रा पर आएंगे। सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय चर्चा भी हो सकती है, हालांकि अभी तक भारत सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
कहां
से
शुरू
हुआ
विवाद?
दरअसल
इस
साल
की
शुरूआत
में
भारत
ने
लिपुलेख
दर्रे
को
जोड़ने
वाली
सड़क
का
निर्माण
शुरू
किया
था।
इसके
बाद
मई
में
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
लिपुलेख
से
धाराचूला
तक
बनाई
गई
सड़क
का
उद्घाटन
किया।
जिसका
नेपाल
ने
विरोध
किया।
नेपाल
के
मुताबिक
लिपुलेख
उसका
हिस्सा
है।
तब
से
शुरू
हुआ
विवाद
अभी
भी
जारी
है।
कई
बार
नेपाली
प्रधानमंत्री
केपी
शर्मा
ओली
ने
भारत
को
लेकर
विवादित
बयान
भी
दिया
है।