आर्मी चीफ ने रक्षा बजट पर कहा- हमने 8% की मामूली वृद्धि देखी
नई दिल्ली। लेह, लद्दाख, सियाचिन और डोकलाम जैसे ऊंचे व ठंडे क्षेत्रों में तैनात सैनिकों पर भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट से बवाल उठ खड़ा हुआ है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने रक्षा बजट आवंटन पर अपनी बात कही है। उन्होंने कहा है कि हमने साल पर लगभग 8% वर्ष की मामूली वृद्धि देखी है, हम इस बजट का प्रबंधन और इसका पूरा उपयोग कैसे करें, इस बारे में अध्ययन करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम बजट के आवंटन के बावजूद इस पर आधुनिकीकरण करना जारी रखेंगे। पिछले साल ही हमने 4-5 विभिन्न प्रकार के हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों को शामिल किया था। आधुनिकीकरण कभी मुद्दा नहीं रहा।
CAG की रिपोर्ट से मचा था बवाल
बता दें कि सोमवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में CAG की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें कई सवाल उठाए गए थे। इसके अनुसार, लेह, लद्दाख, सियाचिन और डोकलाम जैसे ऊंचे व ठंडे क्षेत्रों में दिन रात ड्यूटी पर तैनात भारतीय सैनिकों को जरूरत का सामान नहीं मिल पा रहा है। इन दुर्गम जगहों पर तैनात सैनिकों को बर्फ में चलने के लिए जूते, गर्म कपड़े, स्लीपिंग बैग और सन ग्लासेज की गंभीर किल्लत है। जवानों के पास खाने-पीने का जरूरी सामान भी कम है।
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सीडीएस ने क्या दिया जवाब
बजट में रक्षा पर आंवटन के बारे में सीडीएस रावत ने कहा था कि इस मामले में चिंता करने की जरूरत नहीं है। सेनाओं को फंड जुटाने के लिए अन्य संसाधनों की ओर रुख करना चाहिए। हम लोग अगर मेक इन इंडिया के सिद्धांत पर चलें तो हथियार व अन्य साजो-सामान जुटाने में पैसे की काफी बचत हो सकती है। सेना की जमीन पर घर बनाकर भी धन जुटाया जा सकता है।