PoK में कब होगा ऐक्शन? आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत बोले- सेना तैयार है
नई दिल्ली- थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत के कब्जे में लेने के बारे में बहुत बड़ा बयान दिया है। जनरल रावत ने कहा है कि पीओके को पाकिस्तान के कब्जे से पूरी तरह छुड़ाना जरूरी है और सेना इसके लिए तैयार है। गौरतलब है कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि अब पाकिस्तान से कश्मीर के मुद्दे पर कोई बातचीत होगी तो सिर्फ पीओके के मुद्दे पर ही होगी। जबकि, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी कह चुके हैं कि सरकार का अगला एजेंडा पीओके को छुड़ाकर भारत में शामिल करना है।
पीओके में ऐक्शन के लिए सेना तैयार
गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर सरकार चाहेगी तो सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे से पूरी तरह छुड़ाने के ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। जनरल रावत पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के उस बयान पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार का अगला एजेंडा पीओके को छुड़ाना और इसे भारत का हिस्सा बनाना है। जनरल रावत ने कहा है कि,"हर तरह की कार्रवाई पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है। सरकार के मातहत काम करने वाली एजेंसियों को उसी के निर्देशों के मुताबिक कार्रवाई करनी है.....किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए सेना तो हमेशा तैयार रहती है।"
कुरैशी के बयान में सच्चाई है- रावत
जब रावत से पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के जम्मू-कश्मीर को भारतीय राज्य बताने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "यह सुनने के बाद हम भी आप ही की तरह बहुत खुश हैं। यह सत्य है। यही सच्चाई है।" गौरतलब है कि इससे पहले मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियों की बात करते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने भी कहा था कि सरकार का अगला एजेंडा पीओके को छुड़ाना है। उनके मुताबिक, "अब अगला एजेंडा पीओके को छुड़ाना और उसे भारत का हिस्सा बनाना है। यह सिर्फ मेरा या मेरी पार्टी का कमिटमेंट नहीं है, बल्कि यह 1994 में पीवी नरसिम्हाराव की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की ओर से संसद में सर्वसम्मति से पास प्रस्ताव का हिस्सा है।"
जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ही ऐक्शन
इस बीच सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर की मौजूद परिस्थितियों को लेकर भी मीडिया वालों से बात की है। उन्होंने कहा है कि, "जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि वहां जो कुछ भी हो रहा है उन्हीं के लिए हो रहा है। जब सरकार ने कुछ निर्देश दिए हैं......आर्टिकल 370 खत्म किया गया है......यह सारा कुछ जम्मू और कश्मीर को भारत के साथ एकीकृत करने के लिए किया गया है।" उन्होंने यह भी कहा है कि, "हम चाहते हैं कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को सुरक्षा बलों, प्रशासन को एक मौका देना चाहिए, जिससे घाटी में शांति बहाल हो सके। उन्होंने 30 वर्षों तक आतंकवाद झेला है। अब उन्हें शांति प्रयासों को एक मौका देना चाहिए। तब उन्हें पता चलेगा कि शांति से उन्हें क्या मिला है, वह जो उन्हें इतने साल से नहीं मिला है।"