सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कश्मीर में सेना के काम को सराहा
हैदराबाद। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक बार फिर कश्मीर में सुरक्षाबलों की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि कश्मीर में सुरक्षाबल काफी अच्छा काम कर रहे हैं। सेना प्रमुख हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में थे और यहां पर ही उन्होंने कश्मीर के संकट पर कई अहम बातें कहीं। आपको बता दें कि शनिवार को हैदराबाद के डुंडीगल स्थित एयरफोर्स एकेडमी से कमीशंड पायलट्स पासआउट हुए हैं।
कश्मीर के हालात जैसे दिखाए जा रहे उससे अलग
सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर के हालातों को उस तरह से नहीं देखना चाहिए जैसे कि इन्हें दिखाया जा रहा है और सुरक्षाबल घाटी में स्थिति के लिए जो जरूरी है वही एक्शन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। जनरल रावत के मुताबिक साउथ कश्मीर में कुछ हिस्सों में जरूर तनाव है लेकिन यहां पर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे में लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सेना प्रमुख ने कहा कि सेनाएं कश्मीर के लोगों के साथ हैं। सेनाओं को भारत सरकार की ओर से एक खास काम को पूरा करने का जिम्मा दिया गया है। उन्हें लगता है कि घाटी में सेना की जरूरत है और इसलिए सेना घाटी में मौजूद है। जनरल रावत ने कहा है कि कश्मीरी नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है और हमें लोगों की जिंदगी की परवाह है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना यह तय कर रही है कि घाटी में मानवाधिकार का उल्लंघन न हो।
पाकिस्तान को दे चुके हैं चेतावनी
पिछले दिनों जनरल रावत ने कहा था कि देश की सेनाएं भारत की संप्रभुता पर पैदा होने वाले किसी भी तरह के खतरे को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि उसका प्रपोगैंडा कश्मीर में कभी भी सफल नहीं हो सकता है। जनरल रावत ने कश्मीर घाटी में बढ़ रहे तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के युवाओं को भ्रमित करने के लिए एक सोशल मीडिया प्रपोगैंडा फैला रहा है और वह कभी भी सफल नहीं होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कश्मीर के हालात जल्द ही सुधरेंगे। जनरल रावत ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में भारत एक 'डर्टी वॉर' का सामना कर रहा है और इस युद्ध को नए और अनोखे तरीकों से लड़ना होगा। इस बयान के साथ ही जनरल रावत ने इंडियन आर्मी के मेजर लीतुल गोगोई का बचाव किया था जिसने पहली बार घाटी में 'ह्यूमन शील्ड' का प्रयोग किया था।