पीओके में मौजूद आतंकी कैंप्स के बंद पर सेना प्रमुख जनरल रावत ने दिया अहम बयान
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने बालाकोट जैसी एक और एयरस्ट्राइक के डर से पीओके में चल रहे आतंकी कैंप्स को बंद कर दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और 26 फरवरी को हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंप्स को पिछले कुछ माह में बंद कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाक ने ने यह कदम तब उठाया है जब भारत की ओर से एक डॉजियर के जरिए लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से पाक पर दबाव बनाया जा रहा है।
पुष्टि का कोई तरीका नहीं
सेना प्रमुख जनरल रावत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ इस तरह से जवाब दिया, 'इस बात की पुष्टि का कोई तरीका नहीं है कि पाकिस्ताने आतंकी कैंप्स को बंद कर दिया है या नहीं।' उन्होंने आगे कहा कि सेना बॉर्डर और एलओसी को सुरक्षित करने के लिए लगातार चौकसी बरत रही है और आगे भी गश्त करती रहेगी। 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स की ओर से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाने के मकसद से हवाई हमले किए गए थे। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीओके में 11 टेरर कैंप्स संचालित हो रहे थे। पांच-पांच कैंप्स मुजफ्फराबाद और कोटली में थे तो एक कैंप बरनाला में था। इनमें से कुछ कैंप्स लश्कर-ए-तैयबा के थे और कोटली और निकियाल इलाके में थे जो कि राजौरी और सुंदरबनी के ठीक सामने हैं। ये कैंप्स अब बंद हो चुके हैं। वहीं जैश के टेरर कैंप्स पाला और बाग इलाके में चल रहे थे और इन्हें भी बंद कर दिया गया है। एक कैंप कोटली में था। इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मुजफ्फराबाद और मीरपुर में चल रहे टेरर कैंप्स को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।