Army, BSF, CRPF को अब जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिग्रहण के लिए एनओसी की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 1971 के उस परिपत्र को वापस ले लिया है जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों जैसे सेना, बीएसएफ, सीआरएफएफ व अन्य संगठनों को भूमि के अधिग्रहण के लिए राज्य के गृह विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होती थी। भूमि अधिग्रहण पर केंद्रीय कानून को अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए विस्तारित कर दिया गया है। नए नियमों के तहत इस तरह के अधिग्रहण को अब उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार के तहत कवर दिया जाएगा।
बता दें कि 24 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक अब सेना, सीआरपीएफ और बीएसएफ को अब जम्मू और कश्मीर में भूमि के अधिग्रहण या आवश्यकता के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी। विकास के रूप में भूमि अधिग्रहण पर केंद्रीय कानून को जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के लिए बढ़ाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में इस तरह के अधिग्रहण को अब भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार के तहत कवर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा जारी एक आदेश में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सर्कुलर वापस लेने की बात कही है। जम्मू और कश्मीर प्रशासन बताया कि हर जिले में भूमि अधिग्रहण के लिए कलेक्टरों को उचित मुआवजा अधिनियम के तहत नामित किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के तहत सक्षम प्राधिकारी भूमि अधिग्रहण (CALA) को मामलों को संसाधित करने के लिए कहा गया है। इन दोनों अधिनियमों के प्रावधानों और उसके बाद बनाए गए नियमों के अनुसार सख्ती से प्रोसेस करने के लिए कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने यह कदम जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम, 1970 और भवन संचालन अधिनियम, 1988 में संशोधन को मंजूरी देने के कुछ दिन बाद उठाया गया है।
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