नागालैंड में छह माह और बढ़ाया गया विशेष अफस्पा कानून
नई दिल्ली। नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम अफस्पा कानून छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया। यह आज से ही नागालैंड में प्रभावी होगा। इसके साथ ही सोमवार को गृह मंत्रालय ने इस बाबत एक अधिसूचना भी जारी की। इसमें वहां अफस्पा की अवधि बढ़ाए जाने वाले फैसले को 30 दिंसबर 2019 से प्रभावी माना जाने वाला भी कहा है। बता दें कि, अफस्पा के जरिये सशस्त्र सुरक्षा बलों को कई विशेषाधिकार मिलते हैं। इसके तहत वह किसी भी जगह तलाशी अभियान चला सकते हैं. साथ ही बगैर किसी पूर्व अनुमति के उन्हें किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की छूट भी मिली है।
गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि पूरे नागालैंड में अशांति है और हालात खतरनाक हैं, ऐसे में नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र सेना का इस्तेमाल जरूरी है। अत: अफस्पा की धारा 3 के तहत सेना को मिली शक्तियों के अनुरूप केंद्र सरकार पूरे राज्य को अगले छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित करती है। पूरा राज्य 30 जून 2020 तक छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र होगा।
नागालैंड से अफस्पा हटाने के लिए तीन अगस्त 2015 को वहां के एक विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम और केंद्र सरकार के बीच समझौते के एक प्रारूप (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट) पर सहमति बनी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उस समझौते पर इस विद्रोही संगठन के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा जबकि केंद्र सरकार की तरफ से वार्ताकार आरएन रवि ने दस्तखत उस पर दस्तखत किए थे, लेकिन फिलहाल वहां इस कानून को हटाने की दिशा में सरकार बढ़ नहीं पाई है।
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