क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गुजरात के मुसलमान क्या वाकई दूसरे राज्यों से ज़्यादा बेहतर स्थिति में हैं?

सरकारी नौकरियों में बड़े पदों पर भी मुसलमानों की संख्या बहुत अच्छी नहीं है.

गुजरात के कुछ विभागों में बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों में 3.4 प्रतिशत ही मुसलमान हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में मुस्लिम अधिकारियों की संख्या सबसे कम है.

स्वास्थ्य विभाग में 1.7 प्रतिशत अधिकारी ही मुसलमान हैं. वहीं शिक्षा विभाग में यह आंकड़ा 2.2 प्रतिशत है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
गुजरात के मुसलमान
Getty Images
गुजरात के मुसलमान

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बीते मंगलवार को दावा किया कि उनके राज्य के मुसलमानों की स्थिति देश के दूसरों राज्यों से बेहतर है.

उन्होंने यह दावा सच्चर कमेटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए किया. सच्चर कमेटी देशभर के मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करती है.

इस दावे में कितना दम है, इसका पता लगाने के लिए बीबीसी ने साल 2006 में जारी सच्चर कमेटी रिपोर्ट का अध्ययन किया.

यह पता लगाने की कोशिश की गई कि उस समय राज्य के मुसलमान दूसरों राज्यों की तुलना में किस स्थिति में थे.

शिक्षा

साल 2006 की सच्चर कमेटी रिपोर्ट 2001 की जनगणना रिपोर्ट पर आधारित है.

2001 की जनगणना के अनुसार, तब देश के 59.1 प्रतिशत मुसलमान साक्षर थे, जो राष्ट्रीय औसत 65.1 प्रतिशत से कम थी.

गुजरात की बात करें तो उस वक़्त राज्य की सारक्षरता दर 69 प्रतिशत थी, जिसमें मुसलमानों की स्थिति बेहतर थी. यहां के 73.5 प्रतिशत मुसलमान साक्षर थे.

विजय रुपानी
Facebook/VIJAY RUPANI
विजय रुपानी

अब बात करते हैं 2011 में जारी जनगणना रिपोर्ट की.

इसमें मुसलमानों की साक्षरता दर में वृद्धि दर्ज की गई. अब तक गुजरात के 81 प्रतिशत मुसलमान पढ़ने-लिखने लगे थे, वहीं राज्य की कुल आबादी का 77 प्रतिशत हिस्सा ही साक्षर हो पाया था.

तो क्या देश के अन्य राज्यों के मुकाबले गुजरात में सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे मुसलमान हैं?

इसका जवाब है नहीं. मुसलमानों की साक्षरता के मामले में गुजरात से तीन राज्य आगे हैं. केरल में मुसलमानों की साक्षरता दर 89.4 प्रतिशत है. वहीं तमिलनाडु में यह आंकड़ा 82.9 और छत्तीसगढ़ में 83 प्रतिशत है.

10वीं पास करने वालों की तादाद

अगर स्कूल जाने वाले 7-16 साल के मुस्लिम बच्चों की बात की जाए तो तमिलनाडु और केरल के बच्चे गुजरात से काफ़ी आगे हैं.

इन दोनों राज्यों के इस उम्र के बच्चे औसतन 5.50 साल स्कूल में बिताते हैं. वहीं गुजरात में इस उम्र के बच्चों का औसतन 4.29 साल स्कूल में बीतता है.

इस मामले में राष्ट्रीय औसत 3.96 साल है.

Muslim, मुसलमान
Getty Images
Muslim, मुसलमान

देशभर में गुजरात के मदरसों में सबसे कम बच्चे पढ़ते हैं. उत्तर प्रदेश इस मामले में अव्वल है. यहां के 25 फ़ीसदी मुस्लिम बच्चे मदरसों में पढ़ाई करने जाते हैं.

जब हमने 10वीं पास बच्चों के आंकड़ों का अध्ययन किया तो पाया कि गुजरात इस मामले में देशभर में अव्वल नहीं है.

जिस सच्चर कमेटी रिपोर्ट का ज़िक्र मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने किया है, वह रिपोर्ट बताती है कि गुजरात के 26.1 फ़ीसदी मुस्लिम बच्चे ही दसवीं पास कर पाते हैं.

आंध्र प्रदेश में यह आंकड़ा 40 फ़ीसदी है. पश्चिम बंगाल में 11.9 फ़ीसदी. वहीं राष्ट्रीय औसत 23.9 फ़ीसदी है.

गुजरात के मुसलमान
Getty Images
गुजरात के मुसलमान

रोजगार

2006 की सच्चर कमेटी रिपोर्ट के मुताबिक देश की 64.4 फ़ीसदी आबादी के हाथों को काम मिला हुआ है, जिसमें हिंदुओं की 65.8 फ़ीसदी और मुसलमानों की 54.9 फ़ीसदी आबादी कामगार है.

लेकिन जब आप गुजरात को देखते हैं तो यहां की 70 फ़ीसदी आबादी कामगार है, जिसमें से 71 फ़ीसदी हिंदू और 61 फ़ीसदी मुसलमान हाथों को काम मिला हुआ है.

लेकिन इस मामले में भी गुजरात देशभर में सबसे आगे नहीं है. उससे आगे आंध्र प्रदेश और राजस्थान है.

पूरे देश में सबसे ज़्यादा मुस्लिम कामगार आबादी आंध्र प्रदेश की है. यहां 72 प्रतिशत मुसलमान काम करते हैं. वहीं दूसरे नंबर पर राजस्थान के मुसलमान हैं. यहां के 71 प्रतिशत मुसलमानों के हाथों को काम मिला हुआ है.

गुजरात इस मामले में तीसरे नंबर पर आता है.

गुजरात के मुसलमान
Getty Images
गुजरात के मुसलमान

सरकारी नौकरियों में मुसलमान

अगर सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की आबादी की बात करें तो गुजरात के विभिन्न सरकारी विभागों में महज 5.4 प्रतिशत कर्मचारी ही मुसलमान हैं.

इस मामले में भी गुजरात देश में अव्वल स्थिति में नहीं है. असम में सरकारी नौकरियों में 11.2 प्रतिशत कर्मचारी मुसलमान हैं.

वहीं पश्चिम बंगाल इस मामले में सबसे नीचे हैं. यहां महज 2.1 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी ही इस समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

सरकारी नौकरियों में बड़े पदों पर भी मुसलमानों की संख्या बहुत अच्छी नहीं है.

गुजरात के कुछ विभागों में बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों में 3.4 प्रतिशत ही मुसलमान हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में मुस्लिम अधिकारियों की संख्या सबसे कम है.

स्वास्थ्य विभाग में 1.7 प्रतिशत अधिकारी ही मुसलमान हैं. वहीं शिक्षा विभाग में यह आंकड़ा 2.2 प्रतिशत है.

बिहार इस मामले में सबसे आगे हैं. यहां शिक्षा विभाग के 14.8 प्रतिशत अधिकारी मुस्लिम समाज से आते हैं. वहीं केरल के स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक मुस्लिम अधिकारी हैं.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Are Muslims in Gujarat really better than other states
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X