क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पश्चिम बंगाल की लड़कियों को राजनीति से डर नहीं लगता? - लोकसभा चुनाव 2019

"हम रोज़ आतंकित महसूस करते हैं. डर लगता है. लेकिन अगर हम डर की वजह से पीछे हट गए तो हम कैसी छात्र राजनीति कर रहे हैं? हम डटे रहना चाहते हैं क्योंकि तभी बदलाव आएगा."

By दिव्या आर्य
Google Oneindia News
नयनिका दत्त
BBC
नयनिका दत्त

"हम रोज़ आतंकित महसूस करते हैं. डर लगता है. लेकिन अगर हम डर की वजह से पीछे हट गए तो हम कैसी छात्र राजनीति कर रहे हैं? हम डटे रहना चाहते हैं क्योंकि तभी बदलाव आएगा."

ये कहते हुए नयनिका दत्ता के माथे पर कोई शिकन नहीं है. वो जादवपुर यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं और इस लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगी.

वो वाम छात्र संघ, स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) की सदस्य हैं और दावा करती हैं कि तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने से राज्य में राजनीतिक हिंसा बढ़ी है.

वो कहती हैं, "तृणमूल परिवर्तन के वायदे के साथ सरकार में आई थी पर हिंसा के मामले में मानो वो वाम दल से आगे रहना चाहती है."

मंगलवार को कलकत्ता यूनिवर्सिटी के बाहर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रैली के दौरान हिंसा हुई जिसमें समाज सुधारक ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति भी तोड़ दी गई.

भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने ही इसके लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया.

दशकों से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का दौर देखा गया है. तीन दशक तक वाम सरकार के तहत भी माहौल बहुत अलग नहीं था. पर राजनीति में महिलाओं की मुखर आवाज़ भी उतनी ही पुरानी है.

जाग्योसेनी मंडल भी उन आवाज़ों में से एक हैं. उनके मुताबिक़ जब कभी भी बंगाल में कोई आंदोलन छिड़ा है, औरतें सामने आई हैं.

ये भी पढ़ें: ममता बनर्जी की किस्मत फ़िल्मी सितारों के हाथ में?

होक्कोलोराब
Hokkolorob Artists Collective
होक्कोलोराब

साल 2015 में एक छात्रा के ख़िलाफ़ हिंसा पर जादवपुर यूनिवर्सिटी के लचर रवैये के ख़िलाफ़ छात्रों ने आंदोलन छेड़ा जिसका नाम पड़ा, 'होक्कोलोराब' यानी 'कोलाहल मचने दो'.

छात्रों ने वाइस चांसलर और अन्य सदस्यों को कैम्पस में बंद कर दिया जिसके बाद कैम्पस में पुलिस और कुछ 'कथित' गुंडे घुस आए. छात्रों से मारपीट हुई, लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और बदतमीज़ी हुई.

इसके बाद हज़ारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतर आए. सुरक्षित कैम्पस की मांग लिए जाग्योसेनी भी उनके साथ थीं.

वो कहती हैं, "हिंसा तो आग में घी जैसा काम करती है ताकि हम अपने हक़ के लिए और ताकत से लड़ें. बंगाल की लड़कियां डर कर पीछे नहीं हटतीं."

ये भी पढ़ें: बंगाल: लेफ्ट-राइट और ममता के बीच उलझती राजनीति

बंगाल की महिलाएं
BBC
बंगाल की महिलाएं

छात्र राजनीति में तृणमूल कांग्रेस

इसी महीने दिल्ली में नागरिक समाज के लोगों द्वारा 'इंडियन कैम्पसिस अंडर सीज' नाम की रिपोर्ट जारी की गई.

जादवपुर यूनिवर्सिटी, दिल्ली युनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत 17 राज्यों के 50 शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों से बातचीत पर आधारित इस रिपोर्ट में पाया गया कि कैम्पसों में असहमति की आवाज़ों को दबाया जा रहा है और छात्रों में हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है.

कोलकाता में जाधवपुर यूनिवर्सिटी में वाम विचारधारा के छात्र संघों का बोलबाला है.

ये भी पढ़ें: ममता बनर्जी का चुनाव आयोग पर भड़कना कितना जायज़?

जादवपुर यूनिवर्सिटी
BBC
जादवपुर यूनिवर्सिटी

साल 2011 में तृणमूल कांग्रेस के राज्य में सत्ता में आने से पहले कलकत्ता यूनिवर्सिटी में भी इन्हीं का वर्चस्व था लेकिन पिछले सालों में तृणमूल कांग्रेस छात्र संघ ने वहां पैठ बना ली है.

स्निग्धा साहा कलकत्ता यूनिवर्सिटी के दीनबंधु ऐंड्र्यूज़ कॉलेज में तृणमूल कांग्रेस छात्र संघ की महासचिव हैं. वो पार्टी पर हिंसा करने के आरोपों को सिरे से ख़ारिज करती हैं.

स्निग्धा कहती हैं, "कोई अगर लड़ने की मंशा से आए तो उसे कोई नहीं रोक सकता. बाकी जो सत्ता में नहीं होते वो दूसरे पर सवाल उठाते हैं. जहां दुर्गा की पूजा होती है वहां हिंसा से क्या डरना?"

ये भी पढ़ें: बंगाल में TMC और BJP की जंग, सीन से कहां ग़ायब है लेफ़्ट?

आफ़रीन बेग़म
BBC
आफ़रीन बेग़म

वोट के लिए औरतों के मुद्दे

पश्चिम बंगाल इस व़क्त देश का एकमात्र राज्य है जहां की मुख्यमंत्री महिला है. इस चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने 41 फ़ीसदी टिकट महिलाओं को दिए हैं.

लड़कियों को स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने में मदद करने के लिए साइकिल योजना और कन्या श्री जैसी योजनाएं भी वो लाईं हैं. लेकिन कई छात्राएं औरतें की सुरक्षा के प्रति ममता बनर्जी की आलोचना करती हैं.

आफ़रीन बेग़म साल 2012 में सुज़ेट जॉर्डन के बलात्कार मामले पर ममता बनर्जी के बयान की याद दिलाती हैं.

ये भी पढ़ें: क्या बंगाल पुलिस ने की 'कृष्ण भक्तों' की पिटाई?

ग्रैफ़िटी
BBC
ग्रैफ़िटी

तब ममता ने उसे 'शाजानो घोटोना' यानी मनगढ़ंत घटना बताया था. दिसंबर 2015 में इस मामले में तीन अभियुक्तों को 10 साल की सज़ा हो गई थी.

बच्चियों की भ्रूण हत्या के ख़िलाफ़ और उन्हें स्कूल में पढ़ाने के लिए मां-बाप को प्रेरित करने वाली केंद्र सरकार की योजना 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को भी आफ़रीन राजनीतिक प्रोपेगेंडा बताती हैं.

वो कहती हैं, "एक तरफ़ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के होर्डिंग लगे हैं और दूसरी तरफ़ कहते हैं कि मुस्लिम महिलाओं को कब्र से निकालकर बलात्कार करना चाहिए और ऐसे लोगों को टिकट दिया जाता है और फिर वो मंत्री भी बनते हैं. ये उसे नॉर्मलाइज़ कर देता है."

ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में मोदी का केवल शोर है या सच भी

जादवपुर यूनिवर्सिटी
BBC
जादवपुर यूनिवर्सिटी

औरतों के साथ मर्द

कई छात्राओं ने कहा कि पार्टियां औरतों के सरोकार सामने इसलिए लाती हैं क्योंकि उससे वोट मिलते हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि महिलाओं को टिकट देने की आड़ में फ़िल्मी सितारों को मौका देना ग़लत है.

एक और छात्रा शुचिस्मिता दास के मुताबिक़, "मिमि चक्रबर्ती और नुसरत जहां हमारा प्रतिनिधित्व नहीं करतीं. इनका मुद्दों से जुड़ाव नहीं है."

ये सभी छात्राएं सत्ता में मौजूद पार्टियों से जितनी उदासीन दिखीं, उतनी ही बदलाव लाने के लिए अग्रसर भी.

ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल: चुनावी राजनीति में धर्म का 'तड़का’?

जादवपुर यूनिवर्सिटी
BBC
जादवपुर यूनिवर्सिटी

किसी ने छोटे शहरों के स्कूल-कॉलेज में पढ़ रही लड़कियों को और जागरूक करने के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी जताई तो किसी ने कहा कि वो 'औरत' के चोगे के पीछे छिपकर अपने सिद्धांतों के लिए लड़ना नहीं छोड़ सकतीं.

शुचिस्मिता ने शायद सबसे ज़रूरी बात कही कि औरतों के मुद्दे उठाना सिर्फ़ औरतों की ज़िम्मेदारी नहीं है.

वो कहती हैं,"अगर औरतें, जो पहले ही हाशिए पर हैं, वही औरतों का प्रतिनिधित्व करेंगी तो हाशिए पर ही रहेंगी. सबको सब मुद्दों पर काम करना होगा."

(तस्वीरें: देबलिन रॉय)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Are girls in West Bengal not afraid of politics? - Lok Sabha election 2019
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X