विधानसभा चुनाव: क्या कांग्रेस की अंतर्कलह के सहारे सत्ता में वापसी करेगी भाजपा?
नई दिल्ली। आने वाले विधानसभाओं में चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के सामने राजस्थान, मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश में सत्ता में वापस आने की बड़ी चुनौती है। इन तीनों राज्यों में भाजपा के लिए एक बड़ी उम्मीद कांग्रेस की अंतर्कलह है, कांग्रेस की अंदरूनी कलह से भाजपा को फायदा मिल सकता है। राजस्थान में तमान सर्वे और विशेषज्ञ भाजपा की सरकार के जाने की बात कह रहे हैं लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि कांग्रेस की गुटबाजी उनकी नैया पार करा देगी।
हाल ही में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो बड़े चेहरे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच का टकराव खुलकर सामने आया था। 15 साल बाद राज्य में सत्ता में वापस आने की कोशिश कर रही कांग्रेस के लिए ये बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि दोनों नेताओं के बीच अब कोई मनमुटाव नहीं है, जो मसला था वो सुलझा लिया गया है। छत्तीसगढ़ में पूर्व में कांग्रेस नेता रहे अजित जोगी जहां पार्टी पर हमलावर हैं तो नेताओं के बीच तनातनी का मामला राजस्थान में भी है।
मध्य प्रदेश चुनाव: बीजेपी उम्मीदवारों की तीसरी सूची निकली फर्जी
राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतानन है। कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी गहलोत के विधानसभा चुनाव लड़ने की खबर है, जिसका मतलब उनका कांग्रेस की सरकार आने पर सीएम होना है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी इस दौड़ में हैं। दोनों अपनने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने की भी कोशिश में हैं। ऐसे में दोनों को साथ रखनना पार्टी के लिए चुनौती है। सूत्रों का कहना है राजस्थान में कांग्रेस को भाजपा से कम अपने नेताओं से ज्यादा चुनौती मिल रही है।
इन विधानसभा चुनावों पर इसलिए भी देशभर की नजर है क्योंकि इन चुनावों में और 2019 के लोकसभा चुनावों के बीच छह माह से भी कम का समय है। इन चुनावों को 2019 का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। भाजपा किसी भी हाल में इन राज्यों में वापसी चाहती है ताकि 2019 के लिए विपक्ष हतोत्साहित हो। आरएसएस भी लगातार भाजपा के पक्ष में चुनाव में काम कर रहा है। राजस्थान में वसुंधरा राजे और आरएसएस के बीच बहुत अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं।
2019 के लिए कांग्रेस-NCP में डील फाइनल, जानिए कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा?