रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों का इंतजार खत्म, जानिए 1.40 लाख पदों के लिए कब होगी परीक्षा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते कई सरकारी भर्ती की परीक्षाओं को कुछ समय के लिए टाल दिया गया था। अगर आपने भी रेलवे में भर्ती के लिए आवेदन किया था तो आपका इंतजार अब खत्म हो गया है। भारतीय रेलवे में विभिन्न पदों की सभी 3 श्रेणियों की लिये भर्ती प्रक्रिया के आवेदनों की जांच पूर्ण की जा चुकी है। कोरोना काल में अब इन विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए 15 दिसंबर से परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
1.40 लाख पदों पर 2.40 करोड़ से ज्यादा आवेदन
दरअसल, रेलवे ने पिछले वर्ष देशभर के सभी 17 जोनल रेलवेज में खाली हुए 1.40 लाख पदों पर आवेदन मांगा था, इसके लिए पिछले साल के शुरू में नोटिफिकेशन जारी किया था लेकिन डेढ़ साल बाद भी रेलवे इस भर्ती परीक्षा का आयोजन नहीं कर सका। हैरान की बात यह है कि 1 लाख 40 हजार, 640 पदों पर 2.40 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन भेजा है। कोरोना वायरस की वजह से कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) को कुछ समय के लिए टाल दिया था।
कॉमन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट से होगा चयन
हालांकि अब भारतीय रेलवे ने इन भर्तियों के लिए होने वाली परीक्षाओं का आयोजन कराने का मन बना लिया है। रेलवे अब 15 दिसंबर से प्रथम चरण सीबीटी शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। बता दें कि उम्मीदवारों का चयन योग्य अभ्यर्थियों का चयन कॉमन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी), एप्टीट्यूड टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के माध्यम से किया जाएगा। मालूम हो कि केंद्र सरकार पहले ही नीट और जेईई परीक्षा कराने का फैसला ले लिया है जिसके बाद अब धीरे-धीरे लंबित पड़ी सारी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।
इन पदों पर निकली थी भर्ती
रेलवे द्वारा निकाली कई 1,40, 640 पदों में से 35 हजार 208 गैर तकनीकि पद हैं जिनके तहत रेलवे में गार्ड, ऑफिस क्लर्क और कमर्शियल क्लर्क के पदों पर योग्य अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। वहीं, लेवल 1 की भर्तियों में कमर्शियल क्लर्क और प्वाइंट्समैन के पदों पर आवेदन मांगे गए हैं। इन पदों पर रेलवे के 2.40 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से चार लाख अभ्यर्थियों के आवेदन फोटो मैच नहीं होने सहित अन्य कारणों से रिजेक्ट कर दिए हैं।
अभ्यर्थियों ने रेलवे पर लगाया ये आरोप
आवेदन रिजेक्ट होने के बाद अभ्यर्थियों का आरोप है कि जिन फोटो और हस्ताक्षर को रेलवे ने अन्य परीक्षाओं के लिए स्वीकार किया था अब उन्हें ही रिजेक्ट कर दिया है। ऐसे में आरआरबी को करेक्शन का मौका देना चाहिए, अन्यथा आखिरी मौका होने की वजह से उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। बता दें कि 15 दिसंबर से शुरू हो रही परीक्षाओं का 15 भाषाओं में आयोजन किया जाएगा।
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