अयोध्या पर 'सुप्रीम' फैसला आने से पहले लालू यादव ने की अपील, कहा- आओ मिलकर दिखा दें...
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अयोध्या जमीन विवाद पर ऐतिहासिक फैसला आने से पहले लोगों से अपील की है। उन्होंने अपने फेसबुक पर इसे लेकर एक पोस्ट किया है। बता दें सुप्रीम कोर्ट आज (शनिवार) अयोध्या की विवादित जमीन पर अपना फैसला सुनाएगा। जिससे दशकों से चला आ रहा ये मामला आज समाप्त हो जाएगा।
इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इसके मद्देनजर लालू प्रसाद यादव ने पोस्ट करते हुए कहा है, 'मानवता और संविधान भी हमारा धर्म है। हमें एकता, भाईचारे और प्रेम के साथ अपना हर धर्म निभाना है। जो भी फैसला हो उसका आदर करते हुए हर हिंदुस्तानी का फैसला शांति, एकता व अहिंसा के मार्ग पर चलने का ही होगा। आओ मिलकर दुनिया को दिखा दें "ये गांधी का देश है, यहां एकता का परिवेश है"।'
शनिवार को इसलिए आ रहा है फैसला
अचानक शनिवार को फैसला सुनाए जाने के पीछे का कारण देश में शांति कायम रखना है। ऐसा माना जा रहा है कि अचानक से फैसले का दिन 9 नवंबर इसलिए चुना गया ताकि असामाजिक तत्तवों को किसी प्रकार की साजिश रचने का समय ना मिल पाए। क्योंकि ये मामला काफी बड़ा और संवेदनशील है, जो लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
40 दिनों तक चली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 40 दिनों तक मामले पर सुनवाई करने के बाद 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अयोध्या पर हुई सुनवाई सबसे लंबी चलने के मामले में दूसरे नंबर पर है। इससे पहले केशवानंद भारती मामले की सुनवाई 68 दिनों तक चली थी। अयोध्या पर फैसला लेने वाली बेंच में गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सरकार ने फैसले के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के एजीडी ने बताया है कि अयोध्या में अर्धसैनिक बल, आरपीएफ और पीएसी की 60 कंपनियां और 1200 पुलिस कांस्टेबल, 250 सब-इंस्पेक्टर, 20 उप-एसपी और 2 एसपी तैनात हैं। सुरक्षा निगरानी के लिए डबल लेयर बैरिकेडिंग, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, 35 सीसीटीवी और 10 ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।
अयोध्या मामला: शनिवार को फैसला सुनाए जाने के पीछे ये है कारण