मोदी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे, देश इसे कभी सफल नहीं होने देगा-राहुल गांधी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से लोकसभा में किसानों से जुडे़ तीन बिल को पास किया गया है, उसके बाद से लगातार विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगा रहा है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में साफ कहा है कि यह बिल किसानों के हित में है और विपक्ष इस मसले पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस मुद्दे पर एक बार फिर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है।
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राहुल गांधी ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है, साथ ही उन्होंने किसान बिल को काला कानून करार दिया है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा, 'मोदी सरकार के कृषि-विरोधी 'काले क़ानून' से किसानों को:1. APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? 2. MSP की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का 'ग़ुलाम' बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा। राहुल ने हैशटैग #KisanVirodhiNarendraModi का इस्तेमाल अपने ट्वीट में किया है।'
इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने ट्वीट करके लिखा था, किसान का मोदी सरकार से विश्वास उठ चुका है क्यूँकि शुरू से मोदी जी की कथनी और करनी में फ़र्क़ रहा है- नोटबंदी, ग़लत GST और डीज़ल पर भारी टैक्स। जागृत किसान जानता है- कृषि विधेयक से मोदी सरकार बढ़ाएगी अपने 'मित्रों' का व्यापार और करेगी किसान की रोज़ी-रोटी पर वार। वहीं जिस तरह से पीएम मोदी ने इस बिल को कांग्रेस का बिल करार देते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्ष में आने के बाद अपने ही बिल का विरोध कर रही है।
इस मामले पर सफाई देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस घोषणा पत्र को कृषि क्षेत्र बिल में तोड़-मरोड़कर पेश किया है। चिदंबरम ने मोदी सरकार के कृषि संबंधी बिल को लेकर कई सारे सवाल खड़े करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कानून से MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली बर्बाद हो जाएगा। एपीएमसी प्रणाली वास्तव में किसान के लिए एक सुरक्षा जाल है, लेकिन यह एक प्रतिबंधित बाजार है, जो लाखों किसानों के लिए सुलभ नहीं है, हमें सरकारी खऱीद के जरिए सेफ्टी नेट सिद्धांत को संरक्षित करते हुए कृषि उपज के लिए बाजार में विस्तार करने की जरूरत है, लेकिन मोदी सरकार द्वारा जो कानून पारित की कोशिश की जा रही है, वो MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को नष्ट कर देगा।