APJ Abdul Kalam Anniversary: अपनी राष्ट्रपति की तनख्वाह का क्या करते थे 'मिसाइल मैन'
APJ Abdul Kalam Anniversary: अपनी राष्ट्रपति की तनख्वाह कहां खर्च करते थे 'मिसाइल मैन'
नई दिल्ली: APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 15 अक्टूबर को जयंती है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था। देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल प्रोग्राम के जनक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को पूरी दुनिया मिसाइल मैन के नाम से भी जानती है। एपीजे अब्दुल कलाम महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे, इसलिए उनके जन्मदिन पर ही आज विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। (world students day 2020) कलाम ने वैज्ञानिक-इंजीनियर के तौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है। भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपना सारा वक्त दूसरों की भलाई में लगाया।
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जानिए राष्ट्रपति की सैलरी कहां खर्च करते थे एपीजे अब्दुल कलाम
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हम विज्ञान के क्षेत्र में किए गए अविष्कारों और उनके अनुकरणीय कार्य को जानतें है। लेकिन शायद कम ही लोगों को पता होगा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपनी राष्ट्रपति की पूरी तनख्वाह ग्रामीण विकास के लिए दान कर देते थे। जी हां, कलाम ने ग्रामीण विकास के लिए अपना पूरा वेतन और जो भी सेविंग थी, वो PURA नाम के एक एनजीओ को दान कर दी थी।
PURA (Providing Urban Amenities to Rural Areas) नाम की एक संस्था की अब्दुल कलाम ने स्थापना की थी। ये संगठन ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करने का काम करता था। इस संस्था और इस विचार के बारे में सबसे पहले डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की किताब Target 3 Billion में लोगों ने जाना था।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद, सरकार उनकी अंतिम सांस तक देखभाल करेगी और इसलिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अपने वेतन का उपयोग करने का निर्णय लिया था।
PURA ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों और शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) ढांचे के माध्यम से काम करता था।
एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। कलाम के पिता पेशे से मछुआरे थे। उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पांच भाई और बहनों वाले परिवार को चलाने के लिए पिता की मदद करने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम अखबार बेचा करते थे, जब वह सिर्फ 10 साल के थे। अब्दुल कलाम साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे, जमीनी स्तर से जुड़े रहकर उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई थी...इसलिए लोग उन्हें ''लोगों के राष्ट्रपति'' कहते थे।
अब्दुल कलाम पोखरण- II परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राष्ट्र के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक के रूप में उभरे, लेकिन इन सब के बाद भी वह जीवन जीने के तरीकों की वजह से वो लोगों के बीच बेहद मशहूर हुए।
भारत के प्रमुख वैज्ञानिक अब्दुल कलाम, एक साधारण जीवन जीते थे। उनकी निजी संपत्ति उनकी किताबें, एक वीणा और कुछ जोड़ी कपड़े थे। पांच साल पहले, भारत ने अब्दुल कलाम को खो दिया जब उन्हें कार्डियक अैटक आया था। उनका निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ, जब वह 83 वर्ष के थे।
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