भारत पहुंचा दुनिया के खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे का पहला बैच, पठानकोट में तैनात करेगी IAF
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) अमेरिकी कंपनी बोइंग की ओर से निर्मित अपाचे हेलीकॉप्टर्स को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस की जगह पठानकोट एयरबेस पर तैनात करेगी। एएच-64ई अपाचे गार्डियन हेलीकॉप्टर्स का पहला बैच आज हिंडन एयरबेस पहुंचा है। हेलीकॉप्टर्स एएन-224 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर आया। आईएएफ को मई माह में बोइंग ने अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप सौंपी थी। अमेरिका के एरीजोना स्थित बोइंग, प्रोडक्शन फैसिलिटी में पहला हेलीकॉप्टर आधिकारिक तौर आईएएफ ऑफिसर्स को सौंपा गया था।
सितंबर में होगा IAF में शामिल
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अपाचे को पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। पठानकोट में रूसी हेलीकॉप्टर एमआई-35 की एक यूनिट है और इस यूनिट को रिटायर कर अब इसकी जगह अपाचे की यूनिट होगी। आज चार अपाचे हेलीकॉप्टर्स भारत पहुंचेंगे और आने वाले कुछ दिनो में चार और अपाचे भारत आएंगे। इसके बाद इन्हें पठानकोट भेज दिया जाएगा। सितंबर माह में इन हेलीकॉप्टर को आईएएफ आधिकारिक तौर पर अपने बेड़े में शामिल कर लेगी। साल 2020 तक भारत के पास 22 अपाचे का एक बेड़ा होगा और भारत दुनिया के उन खास देशों में शामिल हो जाएगा जहां की सेनाएं अपाचे ऑपरेट कर रही हैं। सितंबर 2015 में भारत सरकार ने अपाचे की खरीद को मंजूरी दी थी। साल 2017 में सेना के लिए अतिरिक्त छह अपाचे हेलीकॉप्टर्स की खरीद को मंजूरी दी गई थी।
खतरनाक वेपेन सिस्टम से लैस
हेलीकॉप्टर को आइएएफ की आने वाली जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट जैसी जगहों पर जहां पहाड़ी इलाका है, वहां यह हेलीकॉप्टर दुश्मन के खिलाफ कारगर साबित होगा। अपाचे हेलीकॉप्टर एकदम सटीकता के साथ टारगेट को भेदने में सक्षम है। न सिर्फ हवा बल्कि जमीन से भी यह दुश्मन पर निशाना लगा सकता है। इसके अलावा यह हेलीकॉप्टर वॉर जोन से तस्वीरों को हासिल कर उन्हें ट्रांसमिट करने की ताकत भी रखता है। आईएएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस हेलीकॉप्टर के वेपेन सिस्टम से लेकर इसका डाटा सिस्टम इसे और खतरनाक बना देता है। अटैक हेलीकॉप्टर्स आईएएफ को भविष्य में होने वाले ज्वॉइन्ट ऑपरेशंस में जमीन से सपोर्ट दे सकेंगे।