J&K में अब कोई भी भारतीय खरीद सकेगा जमीन, केंद्र सरकार ने जारी किया आदेश
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी भारतीय नागरिक जमीन खरीद सकेगा। एक महत्वपूर्ण आदेश में केंद्र सरकार ने वहां के लिए लैंड लॉ की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसके साथ ही आर्टिकल 370 के तहत स्थायी निवासी होने के पूर्व शर्त को हटा दिया गया है, जो बाहर के लोगों पर यहां जमीन खरीदने के लिए लागू होता था। 'जम्मू और कश्मीर विकास कानून (1970 का XIX)' के नाम से बने इस नए कानून की अधिसूचना के मुताबिक 'राज्य का स्थायी निवासी होने की शर्त हटा लिया गया है।' सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह आदेश 'यूनियन टेरिटरी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन (एडप्टेशन ऑफ सेंट्रल लॉज) थर्ड ऑर्डर, 2020' के नाम से जाना जाएगा। बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को प्रदेश से धारा-370 खत्म होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से वहां के लिए उठाया गया यह एक बहुत बड़ा कदम है और देश के बड़े हिस्से से इस तरह की मांग काफी पहले से उठाई जाती रही है।
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जम्मू-कश्मीर में किसी भी भारतीय नागरिक के लिए जमीन खरीदने का रास्ता साफ करना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का बहुत बड़ा कदम माना जा सकता है। क्योंकि, पहले वहां जमीन खरीदने के लिए वहां का 'स्थायी निवासी' होने की शर्त थी। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस आदेश की व्याख्या के लिए 'दि जेनरल क्लाउजेज ऐक्ट, 1897' लागू होगा, क्योंकि यह कानून भारत के क्षेत्र पर लागू होता है। इससे पहले सितंबर 2020 में, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने 'डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम, 2020' में संशोधन किया था। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि 'भारतीय संविधान के आर्टिकल 309 के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए, जिसे 'जम्मू एंड कश्मीर सिविल सर्वेसिजेज (डिसेंट्रलाइजेशन एंड रेक्रयूटमेंट) ऐक्ट, 2010' के साथ पढ़ें, प्रशासन 'डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम, 2020' में यह संशोधन करता है।'
दरअसल, अब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अधिकतर पुराने भूमि कानूनों को निरस्त कर दिया है। अब सेना के कोर कमांडर या उससे बड़े अफसरों के अनुरोध पर सरकार सशस्त्र सेना की जरूरतों के लिए स्थानीय क्षेत्र को (सीधे ऑपरेशनल या ट्रेनिंग कार्यों के लिए) रणनीतिक क्षेत्र घोषित कर सकती है। यही नहीं सरकार स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के लिए भी वहां किसी व्यक्ति या संस्था के हक में जमीन हस्तांतरित करने की अनुमति दे सकती है।