मीम पर नहीं ट्रोल पर आता है अनुष्का को गुस्सा
वह बताती हैं, "अपने मीम्स देखकर मुझे गुस्सा नहीं आता बल्कि मुझे ख़ुद बहुत अच्छा और मज़ाकिया लगा. कई सारे मीम्स जो मैंने इंटरनेट पर देखे वो खुद अपने दोस्तों को भेज रही हूँ. कई बार तो मैं वरुण को भी भेजती हूँ और कहती हूँ ये नया वाला देखा क्या?"
"मुझे सबसे अच्छा मीम वो लगा जिसमें मेरा चेहरा एक वीडियो गेम में लगाया गया है और जब कोई जीत जाता है तो जीतने पर उस वीडियो गेम पर बने झंडे को पकड़ कर मैं गेम से बाहर आ जाती हूँ.
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और अभिनेता वरुण धवन की फिल्म सुई धागा का ट्रेलर जब से सामने आया है तब से इस फ़िल्म में अनुष्का शर्मा के लुक को लेकर इंटरनेट पर मीम बनाए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर अक्सर ट्रोलिंग का शिकार होने वाली अनुष्का कहती हैं कि मीम से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ट्रोलिंग ग़लत है.
बीबीसी से ख़ास बातचीत में अनुष्का शर्मा ने कहा कि फ़िल्म 'सुई धागा - मेड इन इंडिया' में उनके द्वारा किए गए अभिनय पर जो मीम्स बन रहे हैं, उससे उन्हें पता चल रहा हैं कि यह फिल्म लोगों के ज़हन में उतर चुकी है.
वह बताती हैं, "अपने मीम्स देखकर मुझे गुस्सा नहीं आता बल्कि मुझे ख़ुद बहुत अच्छा और मज़ाकिया लगा. कई सारे मीम्स जो मैंने इंटरनेट पर देखे वो खुद अपने दोस्तों को भेज रही हूँ. कई बार तो मैं वरुण को भी भेजती हूँ और कहती हूँ ये नया वाला देखा क्या?"
"मुझे सबसे अच्छा मीम वो लगा जिसमें मेरा चेहरा एक वीडियो गेम में लगाया गया है और जब कोई जीत जाता है तो जीतने पर उस वीडियो गेम पर बने झंडे को पकड़ कर मैं गेम से बाहर आ जाती हूँ. ये सब देख पता चलता है कि हमारी फिल्म के ट्रेलर को लोग ज़्यादा से ज़्यादा देख रहे है. पसंद कर रहे है, उसकी बात कर रहे हैं. लोगों को ये इतना ओरिजिनल लगा कि वो इसके लिए वक़्त निकाल कर बातें कर रहे हैं. ये देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई."
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'कुछ भी कर लो लोग फिर भी हमें ट्रोल करेंगे'
अनुष्का जहां अपने ऊपर बन रहे मीम्स को लेकर खुश हैं तो वही उन्हें इस बात का दुःख है कि फ़िल्म कलाकारों को बहुत आसानी से ट्रोल कर दिया जाता है.
अनुष्का कहती हैं कि, "हम एक्टर बहुत कुछ करते हैं समाज में जागरुकता फैलाने के लिए, लेकिन फिर भी हमसे कई लोग यही सवाल करते हैं कि आप लोग देश और समाज के लिए क्या कर रहे हो? कई बार हमें बहुत ट्रोल भी किया जाता है. जब हम लोगों को बताते हैं कि हम इस संस्था के लिए कुछ कर रहे हैं तो लोग हमें ये कहकर ट्रोल करते हैं कि ये तो ठीक है, लेकिन दूसरे कामों के लिए क्यों नहीं कर रहे हो?"
"मैं अपनी फिल्मों से जागरूकता लाने का प्रयास करती हूँ. जानवरों के लिए भी बहुत कुछ करती हूँ, लेकिन उसके लिए भी गाली खाती हूँ. कुछ करो तो भी लोग यही सवाल पूछते हैं कि और क्या कर रही हो. मैं अपनी हर सांस में कोशिश करती हूँ कि कुछ ना कुछ करती रहूं, लेकिन उसमें भी लोग कुछ न कुछ कह ही देते हैं."
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'महिलाओं को दें बराबर का सम्मान'
फ़िल्म सुई धागा में अनुष्का एक साधारण और घरेलू महिला ममता का किरदार निभा रही हैं.
अपने किरदार पर बात करते हुए अनुष्का कहती हैं, "मैं इस फ़िल्म में बहुत ही सीधी और एक गांव की महिला का किरदार निभा रही हूँ. वो दिखने में सीधी ज़रूर है, लेकिन बहुत ही आत्मविश्वासी और मेहनती है. मैंने असल ज़िन्दगी में ऐसे कई लोग देखे हैं जो घर पर काम करने वाली महिला को वो इज्ज़त और हक़ नहीं देते जो उन्हें मिलना चाहिए."
"लोगों को लगता है कि जो औरतें घर संभालती हैं वो कुछ नहीं करतीं क्योंकि वो कमाती नहीं है और जो महिला घर से बाहर जाती है, पैसे कमाती है वो ही मेहनत करती है. बल्कि ऐसी सोच ग़लत है. अगर घर सँभालने वाली महिला घर ना संभाले, बच्चों की देख-रेख ना करे तो आप कैसे आराम से दफ़्तर जा सकते है. कैसे आप बिना किसी चिंता के काम पर ध्यान दे सकते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि हर किसी को बराबर सम्मान दें और ये याद रखें कि आपकी तरक्की में आपके घर की महिला का बहुत बड़ा योगदान है."
वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म 'सुई धागा: मेड इन इंडिया' कहानी है ममता और मौजी की, जो जिंदगी की ठोकर लगने के बाद ख़ुद ही अपने सपनों को बुनते हैं.
कड़ी मेहनत से नामुमकिन से लगने वाले सपनों को पूरा करते हैं. फिल्म का निर्देशन शरत कटारिया ने किया है. फिल्म में वरुण और अनुष्का पति-पत्नी बने हैं.
मनीष शर्मा ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है. फिल्म के ज़्यादातर हिस्से की शूटिंग मध्य प्रदेश में हुई है. फिल्म इसी साल 28 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है.
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