सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाया , अनुराग ठाकुर ने रिटायर्ड जजों को कहा आल द बेस्ट
अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि रिटायर्ड जजों की देखरेख में बीसीसीआई अच्छा काम करेगी तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।
नई दिल्ली। न्यायाधीश लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू न करने पर बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि रिटायर्ड जजों की देखरेख में बीसीसीआई अच्छा काम करेगी तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि वो अच्छा काम करेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई देश की सबसे ज्यादा संगठित खेल संस्था है और भारत में उसके पास सबसे अच्छा क्रिकेट का इंफ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत तौर पर किसी के साथ लड़ाई नहीं हैं। पर यह खेल संस्थाओं की ऑटोनामी के लिए है। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक की तरह मैं भी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता हूं।
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराम ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को न्यायाधीश लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू न करने पर पद से हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बीसीसीआई में 70 साल से अधिक हो चुके पदाधिकारियों को पद छोड़ना होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी दिया है। अगर यह मामला साबित हो जाता है तो अनुराग ठाकुर जेल भी जा सकते हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
क्यों
चलाया
डंडा
जस्टिस
लोढा
समिति
की
सिफारिशें
न
लागू
करके
बीससीआई
लगातार
नरम
रवैया
ही
अपनाता
रहा।
बीसीसीआई
अपने
रुख
पर
कायम
रहते
हुए
कहता
रहा
कि
लोढ़ा
समिति
की
ज्यादातर
सिफारिशें
मान
ली
गई
हैं।
पर
इन
सिफारिशों
में
वैसे
कुछ
बातें
व्यवहारिक
नहीं
है
जिन्हें
लागू
नहीं
किया
जा
सकता
है।
इसमें
अधिकारियों
की
उम्र
और
कार्यकाल
का
मुद्दा,
अधिकारियों
के
कूलिंग
ऑफ
पीरियड
का
मुद्दा
और
एक
राज्य,
एक
वोट
की
सिफारिश
बोर्ड
को
मंजूर
नहीं
थीं।
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को चेतावनी देते हुए पूछा था कि कि आपको झूठी गवाही के लिए उनको सजा क्यों न दी जाए? इस पर एमिक्स क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि अनुराग ठाकुर के खिलाफ परजूरी का मामला बनता है। इसके चलते अनुराग ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है। अगर अनुराग ठाकुर बिना शर्त माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें जेल जाता पड़ सकता है। ये भी देखें-2 जनवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बनाया ऐतिहासिक, नेताओं, अनुराग ठाकुर और बीसीसीआई को किया ढेर