क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मोदी विरोध में अनुराग कश्यप ने हिटलर का ग़लत वीडियो किया शेयर

हिटलर के इस भाषण की तुलना पीएम मोदी के 22 दिसंबर को रामलीला मैदान वाले भाषण से की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने भाषण में अपने राजनीतिक विरोधियों को आड़े हाथों लिया था. मोदी ने अपने भाषण में कहा था, "अगर मोदी को देश की जनता ने इस पद पर बिठाया है और ये आपको पसंद नहीं है तो आप मोदी को गाली दो. मोदी से नफ़रत करो. 

By अनंत प्रकाश
Google Oneindia News
मोदी, हिटलर, अनुराग कश्यप
Getty Images
मोदी, हिटलर, अनुराग कश्यप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली में हुई रैली के बाद सोशल मीडिया पर हिटलर का एक वीडियो वायरल हो रहा है.

इस वीडियो को शेयर करने वालों में फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप भी शामिल हैं.

ANURAG KASHYAP

वीडियो में जर्मनी के तानाशाह रहे एडोल्फ़ हिटलर एक स्टेडियम में भाषण देते हुए दिख रहे हैं.

वीडियो के सबटाइटल में लिखा आ रहा है, "अगर आप चाहते हैं तो मुझसे नफ़रत करें, लेकिन जर्मनी से नहीं."

मोदी के भाषण से तुलना

हिटलर के इस भाषण की तुलना पीएम मोदी के 22 दिसंबर को रामलीला मैदान वाले भाषण से की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने भाषण में अपने राजनीतिक विरोधियों को आड़े हाथों लिया था.

मोदी ने अपने भाषण में कहा था, "अगर मोदी को देश की जनता ने इस पद पर बिठाया है और ये आपको पसंद नहीं है तो आप मोदी को गाली दो. मोदी से नफ़रत करो. मोदी का जितना विरोध करना है, ज़रूर करो. आपको मोदी से नफ़रत है और ग़ुस्सा जितना निकालना है, निकालो. अरे मोदी का पुतला लगाकर आते जाते हुए जितने जूते मारने हैं, मारो. मोदी का पुतला जलाना है, जलाओ. लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ. ग़रीब का ऑटो-रिक्शा और झोपड़ी मत जलाओ. आपका जितना ग़ुस्सा है वो मोदी पर निकालो."

पीएम मोदी ने अपने भाषण में अर्बन नक्सल शब्द का भी ज़िक्र किया था.

इसके बाद अनुराग कश्यप ने सोमवार को ये वीडियो शेयर करते हुए अर्बन नाज़ी शब्द का प्रयोग किया.

फिर डिलीट किया वीडियो

अनुराग कश्यप के ट्वीट करने के बाद पांच हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस वीडियो की रीट्वीट किया. इसके साथ ही 13 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया.

लेकिन वीडियो जारी होने के कुछ समय बाद एक जर्मन महिला ने इस वीडियो की सामग्री पर सवाल खड़े किए.

जर्मनी की हैम्बर्ग यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान की पढ़ाई करने वालीं मारिया रिथ ट्वीट के रिप्लाई में लिखती हैं, "ये बिलकुल ग़लत अनुवाद है. क्या आपके पास कोई ऐसा नहीं है जो कि जर्मन भाषा जानता हो? इस भाषण में लोगों की बीच जाकर बढ़-चढ़कर मदद करने का ज़िक्र है."

इस वीडियो और इस पर लिखे वाक्यों की सत्यता पर सवाल उठाए जाने के बाद अनुराग कश्यप की ओर से ये वीडियो डिलीट किया जा चुका है.

लेकिन क्या है सच्चाई?

बीबीसी हिन्दी ने इस वीडियो में हिटलर के भाषण और उसके साथ लिखे अनुवाद की सत्यता की जांच करने के लिए जर्मन भाषा के जानकारों से बात की है.

TWITTER

लेकिन ये करना आसान नहीं था क्योंकि जर्मन भाषा के व्याकरण की वजह से 15 सेकेंड की क्लिप को सुनकर इस नतीज़े पर पहुंचना मुश्किल था कि ये अनुवाद कितना सही है.

इसके बाद हिटलर के भाषण के पूरे वीडियो की तलाश की गई.

दरअसल, हिटलर ने ये भाषण साल 1936 में दिया था.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में जर्मन भाषा विभाग की सीनियर लेक्चरर ज्योति सभरवाल ने बीबीसी हिन्दी से बात करते हुए इस वीडियो में कही जा रही बात का अर्थ बताया है.

वे कहती हैं, "ये बिलकुल ग़लत अनुवाद है क्योंकि इस भाषण में हिटलर ऐसी कोई बात नहीं कह रहे हैं. वे एक दूसरे की मदद करने की बात कहते हुए नज़र आ रहे हैं."

इसके बाद इस भाषण में कही गई बात के ऐतिहासिक महत्व को समझने के लिए एक वरिष्ठ जर्मन पत्रकार अनवर अशरफ़ से बात करने की कोशिश की.

अनवर अशरफ़ ने भी ज्योति सभरवाल की पड़ताल से सहमति जताते हुए बताया कि इस भाषण में हिटलर जर्मन लोगों को एक दूसरे की मदद करने के लिए अपील कर रहे हैं.

वे कहते हैं, "ये बात सही है कि इस वीडियो पर दिए गए अनुवाद का हिटलर के भाषण से कोई संबंध नहीं है और इसकी मोदी के भाषण से तो बिलकुल भी समानता नहीं है. लेकिन इस भाषण को समझने के लिए हमें इस भाषण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझना होगा."

"इस भाषण में नफ़रत या प्यार की बात नहीं की गई है. इस भाषण में हिटलर भाईचारे की बात कर रहे थे. वो कह रहे थे कि जर्मनवासियों को किस तरह एक दूसरे के ख़िलाफ़ पूर्वाग्रहों को त्याग कर एक दूसरे की मदद करनी चाहिए."

"जर्मनी में जाड़े के मौसम में तापमान काफ़ी नीचे चला जाता है. ग़रीबों के लिए यह जानवेला होता है. ऐसे में हिटलर अपने भाषण में अपनी ही पार्टी की एक चैरिटी संस्था विंटर हिल्सवर्ग के लिए दे रहे थे. इस भाषण का उद्देश्य ये था कि सर्दियों के दिनों में किसी जर्मनवासी को कोयले, अंगीठियों या कंबलों की कमी ना हो जाए, इसके लिए धनाढ्य वर्ग से आगे आकर मदद करने को कहा जा रहा है.

"हिटलर इस भाषण में कहते हैं- ये संभव ही नहीं है कि आपस में एक दूसरे के प्रति पाले गए पूर्वाग्रहों को त्यागकर एक दूसरी की मदद न की जा सके. मैं स्वयं ये काम कर चुका हूं, इसलिए आप लोग जनता की बीच जाएं और अपने पूर्वाग्रहों को त्यागकर एक दूसरे की भरसक मदद करें."

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Anurag Kashyap shares false video of Hitler in protest against Modi
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X