गुरु गोविंद सिंह की पंक्ति को Tweet करते वक्त अनुपम खेर से हुई गलती, भड़की कांग्रेस, कहा-PM लें एक्शन
चंडीगढ़। ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर बोलने वाले और ट्विटर पर लोगों की क्लास लगाने वाले सिने अभिनेता अनुपम खेर खुद एक गलत ट्वीट की वजह से कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं और इस वक्त सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं, दरअसल उन्होंने भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा की तुलना गुरु गोविंद सिंह द्वारा बोले गए एक साहसी शब्द के साथ की थी लेकिन उन्होंने गलत शब्द ट्वीट कर दिया था, जिस पर बवाल मच गया है।
अनुपम खेर ने लिखा था 'सवा लाख से एक भिड़ा दूं'
बता दें कि अनुपम खेर ने लिखा था 'सवा लाख से एक भिड़ा दूं', जिस पर भड़कते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री रवनीत बिट्टू ने अनुपम खेर को आड़े हाथों लिया और कहा कि आखिर उनकी हिम्मत कैसे हुई भाजपा के एक तुच्छ प्रवक्ता को श्री गोबिंद सिंह के वाक्यों के साथ संबोधित करने की, ऊपर से उन्होंने गलत बातें लिखी,ये श्री गोबिंद सिंह का अपमान है, मैं पीएम मोदी से अनुपम खेर और किरण खेर को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग करता हूं।
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रवनीत बिट्टू ने कहा-PM ले एक्शन
रवनीत बिट्टू के बाद यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष वरिंद्र ढिल्लो ने भी अनुपम खेर के इस ट्वीट पर नाराजगी जताते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार और डीजीपी दिनकर गुप्ता को इस संदर्भ में चिट्ठी लिखी है, उन्होंने मांग की है कि अनुपम खेर को अकाल तख्त में बुलाकर माफी मंगवाई जाए और साथ ही डीजीपी से गुहार लगाई है कि अनुपम खेर के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
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अनुपम खेर ने मांगी माफी
हालांकि अनुपम खेर को अपनी गलती का एहसास हो गया है और उन्होंने एक ट्वीट करके इस बारे में गलती मांगते हुए सही पंक्ति ट्वीट की है, उन्होंने लिखा है कि मैं अपने पहले ट्वीट के लिए क्षमापार्थी हूं और मैंने ये गलत लिखा था, उन्होंने सही पंक्ति लिखी है-सवा लाख से एक लड़ाऊ, तभी गोविंद से कहाऊं।
'खालसा पंथ' की स्थापना
मालूम हो कि गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें गुरु थे। अपने पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के बाद 11 नवंबर सन 1675 को वे गुरू बने थे, वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होने 'खालसा पंथ' की स्थापना की थी।