कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में महज 50 दिनों तक प्रभावी रहती है एंटीबॉडी, शोध में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। भारत में अब तक 33 लाख से ज्यादा लोगों को शिकार बना चुकी कोरोना महामारी का दुष्चक्र जारी है, जिसकी तस्दीक गुरूवार को 24 घंटे में मिले सर्वाधिक 75,760 नए मरीज कर चुके हैं। भारतीय संदर्भ में सुखद बात यह है कि भारत में रिकवरी दर में लगातार सुधार जारी है, जो कि अब करीब 73 फीसदी पहुंच चुकी है, लेकिन रिकवर्ड हुए मरीजों की एंटीबॉडी की प्रभावकारिता पर एक ताजा शोध ने चिंता बढ़ा दी है।
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विकसित एंटीबॉडी की प्रभावकारिता 50 दिनों के बाद खत्म हो जाती है
दरअसल, मुंबई के दो अस्पतालों में किए गए एक नए शोध के मुताबिक कोरोना वायरस से रिकवर्ड हुए लोगों में विकसित हुए एंटीबॉडी की प्रभावकारिता महज 50 दिनों के बाद खत्म हो जाती है। हालांकि इससे पहले दावा किया जा रहा था कि यह एंटीबॉडी 3 महीने तर शरीर में बनी रहती है।
यह खुलासा मुंबई के जेजे अस्पताल में हुए एक शोध में हुआ है
रिसर्च में जेजे हॉस्पिटल में 34 ऐसे लोगों के भी टेस्ट किए गए, जिसमें अस्पताल के कुछ स्टाफ के साथ ऐसे लोग भी शामिल थे, जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके थे। इस रिसर्च को करने वाले जेजे अस्पताल के डॉक्टर निशांत कुमार के अनुसार कुछ लोगों का RT-PCR टेस्ट किया गया और इनमें से किसी में भी एंटीबॉडी नहीं नजर आई।
रिकवर हुए 90% मरीजों में सिर्फ 38.8 फीसदी ही एंटीबॉडी बची थी
रिपोर्ट के मुताबिक इस टेस्ट को सीरो सर्वे के तहत किया गया था। सीरो सर्वे में यह पता लगाया जाता है कि कितने लोगों को कोरोना हुआ और कितने लोग इससे ठीक हुए। रिसर्च में पाया कि जिन लोगों को भी 3 से 5 हफ्ते पहले कोरोना हुआ था, उनमें से 90 फीसदी लोगों में सिर्फ 38.8 फीसदी ही एंटीबॉडी बची थी। हालांकि रिसर्च को लेकर कुछ विशेषज्ञों की राय इससे अलग है।
जेजे जीटी व सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के 801 हेल्थकेयर वर्कर्स शोध किया गया
स्टडी रिपोर्ट को लिखने वाले डॉक्टर निशांत कुमार ने बताया कि यह स्टडी जेजे जीटी और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के 801 हेल्थकेयर वर्कर्स पर की गई, जिनमें से 28 लोग कुछ हफ़्तों पहले कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। स्टडी की बातें इंटरनेशनल जनरल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के सितंबर के अंक में छापे जाएंगे।
संक्रमण के 3 हफ्ते बाद शरीर में सबसे ज्यादा एंटीबॉडीज होती हैंः सर्वे
वैसे, दुनियाभर में हुए कुछ सर्वे के मुताबिक संक्रमण के तीन हफ्ते बाद शरीर में सबसे ज्यादा एंटीबॉडीज होती हैं, लेकिन ये जल्दी ही खत्म भी हो जाते हैं। आमतौर पर सीरो सर्वे यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि किसी खास इलाके में अब तक कितने लोगों को कोरोना हुआ है और वो अपने आप ठीक हो गए।