Jammu Kashmir: लॉकडाउन में भी ताबड़तोड़ anti-terror operations, अप्रैल में ढेर 28 आतंकी
श्रीनगर। शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक बार फिर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। जब से कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन का ऐलान हुआ है तब से घाटी में एक के बाद एक ताबड़तोड़ एनकाउंटर हो रहे हैं। पिछले हफ्ते पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक के बाद एक मुठभेड़ हुईं और दर्जन भी आतंकी मारे गए। सेना सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की तरफ से कोरोना वायरस संकट के बीच ही घुसपैठ की कोशिशों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।
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लॉकडाउन में ढेर हो रहे आतंकी
पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन का असर घाटी में नजर नहीं आ रहा है। लॉकडाउन के दौरान घाटी में काउंटर टेरर ऑपरेशंस में खासी तेजी आई है। अप्रैल में पाकिस्तान की तरफ से आए आतंकियों को सुरक्षाबलों की तरफ से ढेर करने के आंकड़े में तेजी आई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में सुरक्षाबलों ने ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है। इस वर्ष अभी तक 60 आतंकियों को ढेर किया गया है जिसमें से 46 प्रतिशत यानी 28 आतंकी सिर्फ अप्रैल में ढेर हुए हैं। जबकि मई 2019 में जम्मू कश्मीर पुलिस, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और सेना ने 28 आतंकियों को मारा था।
हिजबुल, जैश और लश्कर आतंकी ढेर
जनवरी माह में 18 आतंकी मारे गए और फरवरी और मार्च के माह में सात-सात आतंकी ढेर हुए। जो आतंकी मारे गए हैं उनमें 20 आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के, आठ जैश-ए-मोहम्मद के और छह लश्कर ए तैयबा के थे। वहीं तीन आतंकी इस्लामिक स्टेट इन जम्मू एंड कश्मीर (आईएसजेके) के थे। जबकि 20 की पहचान नहीं हो सकी है। सुरक्षाबलों ने संगठनों के टॉप कमांडर्स को ढेर किया जिसमें हिजबुल का जहांगीर वानी, जैश का सज्जाद नवाब डार और लश्कर का मुजफ्फर अहमद भट शामिल था। 16 आतंकिेयों को पुलवामा में तो 12 आतंकियों को शोपियां में ढेर किया गया।
CDS जनरल रावत बोले हालात नाजुक
17 अप्रैल को सेना प्रमुख जनरल नरवाणे ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी के लिए पड़ोसी देश की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है मगर पड़ोसी देश मुश्किलें बढ़ाने से बाज नहीं आ रहा है। पिछले एक हफ्ते के दौरान कश्मीर घाटी में हुए अलग-अलग एनकाउंटर्स में सेना और सुरक्षाबलों ने करीब 15 आतंकियों को ढेर किया है। जनरल रावत भी कह चुके हैं कि एलओसी पर हालात नियंत्रण में हैं मगर इसके बाद भी नाजुक बने हुए हैं। अप्रैल माह की शुरुआत में भी कृष्णा घाटी में सेना के पैराट्रूपर्स ने पांच आतंकियों को ढेर किया था।
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युद्धविराम तोड़ने में भी तेजी
नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाक की तरफ से लगातार फायरिंग जारी है। पाक की तरफ से साल 2020 की शुरुआत में ही 733 बार युद्धविराम को तोड़ा गया। जनवरी में 367 बार और फरवरी में 366 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ। मार्च में यह आंकड़ा 411 रहा और अप्रैल में 53 बार युद्धविराम टूटने की घटनाएं हुई हैं। जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर जीसी मुर्मु ने बताया कि घाटी में आतंकवाद पर कुछ हद तक नियंत्रण पा लिया गया था मगर पाकिस्तान फिर से शांति को भंग करने की कोशिशें करने लगा है। उन्होंने बताया कि पाक की तरफ से दोगुनी मात्रा में एलओसी पर युद्धविराम तोड़नी की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है।