1984 सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार ने सरेंडर के लिए हाईकोर्ट से मांगा 30 दिनों का वक्त
नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगों में दोषी करार दिए गए पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें सरेंडर करने के लिए 30 दिनों का वक्त दिया जाए। हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कल यानी शुक्रवार को कर सकता है। 34 साल पहले के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले मे दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था।
वहीं, सिख विरोधी दंगे के मामले में वकील एचएस फुल्का ने कहा है कि वे सज्जन कुमार की इस अपील का विरोध करेंगे। सोमवार को 34 साल पुराने मामले में जब अदालत का फैसला आया तो, देशभर से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। वहीं फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह आज़ादी के बाद की सबसे बड़ी हिंसा थी। इस दौरान पूरा तंत्र फेल हो गया था। हाईकोर्ट ने 1984 में सिखों के सामूहिक हत्या का तुलना आजादी के बाद भारत में में भड़की हिंसा से की और कहा था कि 37 साल बाद देश फिर एक बार इस तरह की एक और भयावह नरसंहार का गवाह बना। कोर्ट ने कहा था कि यह मानवता के प्रति अपराध था और इसके दोषियों को अंजाम तक पहुंचाने में चश्मदीद गवाहों की बहादुरी व लगन की अहम भूमिका रही।
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