रूद्रम मिसाइल से लैस हुई Indian Air Force, चीन-पाकिस्तान के रडार होंगे सेकेंड्स में ध्वस्त
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को एक और मिसाइल का परीक्षण किया है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के द्वारा विकसित एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम का सफल परीक्षण किया गया है। इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के सुखोई जेट से दागा गया है। 3 अक्टूबर को हुए शौर्य मिसाइल टेस्ट के बाद इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव के बीच भारत एक के बाद एक कई मिसाइल परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। रूद्रम, भारत की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है और इसे दुश्मन के रडार और सर्विलांस सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल सिस्टम को New Generation Anti-Radiation Missile या NGARM नाम दिया गया है।
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2469.6 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड
सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि मिसाइल की लॉन्च स्पीड 2 मैक यानी 2469.6 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा है। यानी लॉन्च होने के बाद यह आवाज की दोगुनी गति से दुश्मन पर हमला करती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर डीआरडीओ की टीम को शुभकामनाएं दी हैं। डीआरडीओ की तरफ से इस नई पीढ़ी के हथियार को ओडिशा के बालासोर से लॉन्च किया गया था। बंगाल की खाड़ी से शुक्रवार को सुबह करीब 10: 30 बजे इसे दागा गया। अधिकारियों की तरफ से इसे एक बड़ा कदम करार दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो इस टेस्ट के सफल होने के बाद अब आईएएफ के पास यह क्षमता है कि वह सीड ऑपरेशंस यानी Suppression of Enemy Air Defence को अंजाम दे सकती है। इस ऑपरेशन के तहत दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाता है।
बिना रूकावट पूरा होगा हर मिशन
इसके बाद आईएएफ के फाइटर जेट्स बिना किसी रूकावट के प्रभावी तरीके से अपने मिशन को पूरा कर सकते हैं। नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल या NGARM को सुखोई-30 में फिट किया गया है। इसकी रेंज इस बात पर निर्भर करती है कि फाइटर जेट कितनी ऊंचाई पर है। इसे 500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 15 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है। मिसाइल 250 किलोमीटर के दायरे में मौजूद हर टारगेट को निशाना बना सकती है। मिसाइल टारगेट को न सिर्फ लॉन्च होने के पहले लॉक कर सकती है बल्कि एक बार लॉन्च होने के बाद भी यह अपने टारगेट को लॉक कर सकती है। इस मिसाल को यूएस नेवी के पास मौजूद AGM-88E एडवांस्ड एंटी-रेडिएशन गाइडेड मिसाइल की तर्ज पर बताया जा रहा है। यह हवा से जमीन तक हमला करने में सक्षम है और अमेरिकी नौसेना में इसे साल 2017 में शामिल किया गया था। अगर दुश्मन ने रडार सिस्टम को शट डाउन कर दिया है तो भी रूद्रम उसे निशाना बनाएगी।